rashi sharma
rashi sharma 28 Jul, 2022 | 0 mins read

ढ़लता सूरज.................

छुप गया वो भी हमसे परेशान हो कर, मद्धम पड़ गई उसकी रोशनी हमसे मिलकर, ना जाने क्यों सारी कायनात हमसे खफा हो गई, दुआ भी लगती है हमसे नाराज़ हो गई.

Reactions 0
Comments 0
103
rashi sharma
rashi sharma 27 Jul, 2022 | 0 mins read

जीने दो..................

हमने कब कहा कि हमें कोई चाहिए, किसी की नसीहत या फिर किसी की मदद चाहिए, रहने भी दो दिखावे कि ज़रूरत ही क्या है.

Reactions 0
Comments 0
105
rashi sharma
rashi sharma 26 Jul, 2022 | 1 min read

पहली मुलाकात .....................

उससे मेरी और मेरी उससे पहली मुलाकात. वो एक शहर है जो ना जाने कितनों का है, मैं एक नया मुसाफिर हूँ उसका जो शायद अब मेरा भी घर है, वो रखेगा तो रह लेंगे नहीं तो कुछ यादें जोड़ वहाँ से भी चल देंगे.

Reactions 0
Comments 0
107
rashi sharma
rashi sharma 21 Jul, 2022 | 1 min read

इसके बाद............

आज और अभी है, ज़िन्दगी इसी में तो सिमटी है, जो भी हो बस खुश रहो, जिसने दी है उसे शुक्रिया कहो.

Reactions 0
Comments 0
96
rashi sharma
rashi sharma 17 Jul, 2022 | 0 mins read

चेहरा..................

छोड़ो दुनिया क्या कहती हैं, सोचो वो बात जो तुम्हें खुश कर देती हैं, जैसे है वैसे ही हम अच्छे हैं, क्योंकि जो हम कर सकते हैं, दूसरा कोई और नहीं.

Reactions 1
Comments 0
100
Shubhangani Sharma
Shubhangani Sharma 29 May, 2022 | 0 mins read

झूठा विश्वास

डिजिटल दुनिया का अकेलापन और टूटता विश्वास।

Reactions 1
Comments 0
123