rashi sharma
02 Aug, 2022 | 1 min read
rashi sharma
01 Aug, 2022 | 0 mins read
rashi sharma
30 Jul, 2022 | 1 min read
rashi sharma
28 Jul, 2022 | 0 mins read
ढ़लता सूरज.................
छुप गया वो भी हमसे परेशान हो कर, मद्धम पड़ गई उसकी रोशनी हमसे मिलकर, ना जाने क्यों सारी कायनात हमसे खफा हो गई, दुआ भी लगती है हमसे नाराज़ हो गई.
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rashi sharma
27 Jul, 2022 | 0 mins read
जीने दो..................
हमने कब कहा कि हमें कोई चाहिए, किसी की नसीहत या फिर किसी की मदद चाहिए, रहने भी दो दिखावे कि ज़रूरत ही क्या है.
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rashi sharma
26 Jul, 2022 | 1 min read
पहली मुलाकात .....................
उससे मेरी और मेरी उससे पहली मुलाकात. वो एक शहर है जो ना जाने कितनों का है, मैं एक नया मुसाफिर हूँ उसका जो शायद अब मेरा भी घर है, वो रखेगा तो रह लेंगे नहीं तो कुछ यादें जोड़ वहाँ से भी चल देंगे.
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rashi sharma
21 Jul, 2022 | 1 min read
इसके बाद............
आज और अभी है, ज़िन्दगी इसी में तो सिमटी है, जो भी हो बस खुश रहो, जिसने दी है उसे शुक्रिया कहो.
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rashi sharma
17 Jul, 2022 | 0 mins read
चेहरा..................
छोड़ो दुनिया क्या कहती हैं, सोचो वो बात जो तुम्हें खुश कर देती हैं, जैसे है वैसे ही हम अच्छे हैं, क्योंकि जो हम कर सकते हैं, दूसरा कोई और नहीं.
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Shubhangani Sharma
29 May, 2022 | 0 mins read
झूठा विश्वास
डिजिटल दुनिया का अकेलापन और टूटता विश्वास।
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