rashi sharma
09 Nov, 2022 | 0 mins read
rashi sharma
02 Nov, 2022 | 0 mins read
rashi sharma
01 Nov, 2022 | 1 min read
rashi sharma
31 Oct, 2022 | 0 mins read
rashi sharma
28 Oct, 2022 | 0 mins read
गुस्से का कहर..................
हिस्सा है इंसान का, महसूस होता है जज़्बात सा, ड़रते है इससे पर कुछ कर नहीं पाते, भागना चाहते है इससे पर भाग नहीं पाते.
0
0
340
rashi sharma
27 Oct, 2022 | 1 min read
मेरी दुनिया.............
जितने लोग उतने ही ख्वाब होते है, एक ही दुनिया में अनगिनत संसार होते है.
1
0
329
rashi sharma
14 Oct, 2022 | 1 min read
समाज अनूठा आइना.............
कहते वाले बहुत है, मगर मानता कोई नहीं, धस गए है खुद में हम, मगर समझता यहाँ कोई नहीं.
1
0
309
rashi sharma
02 Oct, 2022 | 1 min read
रात तू इतनी...................
कभी तो तू भी सोया कर, छुप जाती है जब सूरज के पीछे, तब खुद की भी आवाज़ सुन लिया कर.
1
0
327
rashi sharma
30 Sep, 2022 | 0 mins read
ज़रूरत है खुद की......................
खुद के साथ दोस्ती कर लो, फिर किसी और की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी, भटकते रहोगे साथी की तलाश में, अंत में खुद से ही बातें होगी.
0
0
324