rashi sharma
rashi sharma 28 Oct, 2022 | 0 mins read

गुस्से का कहर..................

हिस्सा है इंसान का, महसूस होता है जज़्बात सा, ड़रते है इससे पर कुछ कर नहीं पाते, भागना चाहते है इससे पर भाग नहीं पाते.

Reactions 0
Comments 0
548
rashi sharma
rashi sharma 27 Oct, 2022 | 1 min read

मेरी दुनिया.............

जितने लोग उतने ही ख्वाब होते है, एक ही दुनिया में अनगिनत संसार होते है.

Reactions 1
Comments 0
542
Dakshal Kumar Vyas
Dakshal Kumar Vyas 20 Oct, 2022 | 0 mins read
Reactions 1
Comments 0
591
rashi sharma
rashi sharma 14 Oct, 2022 | 1 min read

समाज अनूठा आइना.............

कहते वाले बहुत है, मगर मानता कोई नहीं, धस गए है खुद में हम, मगर समझता यहाँ कोई नहीं.

Reactions 1
Comments 0
515
rashi sharma
rashi sharma 02 Oct, 2022 | 1 min read

रात तू इतनी...................

कभी तो तू भी सोया कर, छुप जाती है जब सूरज के पीछे, तब खुद की भी आवाज़ सुन लिया कर.

Reactions 1
Comments 0
535
rashi sharma
rashi sharma 30 Sep, 2022 | 0 mins read

ज़रूरत है खुद की......................

खुद के साथ दोस्ती कर लो, फिर किसी और की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी, भटकते रहोगे साथी की तलाश में, अंत में खुद से ही बातें होगी.

Reactions 0
Comments 0
543