rashi sharma
27 Oct, 2022 | 1 min read

rashi sharma
14 Oct, 2022 | 1 min read

rashi sharma
02 Oct, 2022 | 1 min read
रात तू इतनी...................
कभी तो तू भी सोया कर, छुप जाती है जब सूरज के पीछे, तब खुद की भी आवाज़ सुन लिया कर.
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rashi sharma
30 Sep, 2022 | 0 mins read
ज़रूरत है खुद की......................
खुद के साथ दोस्ती कर लो, फिर किसी और की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी, भटकते रहोगे साथी की तलाश में, अंत में खुद से ही बातें होगी.
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rashi sharma
29 Sep, 2022 | 0 mins read
खौफ हैं....................
ऐ दर्शाता है कि हम ज़िंदा है, माना कि ड़रते है बहुत चाज़ों से हम, लेकिन इसमें कोई शक नहीं, कि खौफ सिखाता है हमें कि क्या करना है या क्या नहीं.
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rashi sharma
28 Sep, 2022 | 0 mins read
ज़िन्दगी.................
उलझनों से जोड़ती है, आज़ादी कहती तो है, मगर कैद मेंं रहना पसंद करती है.
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rashi sharma
16 Sep, 2022 | 0 mins read
खुद से मश्वरा................
बेवकूफ नहीं समझदार बनेंगे, हम खुद की सुन खुद को मज़बूत करेंग.
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rashi sharma
13 Sep, 2022 | 0 mins read
क्या कभी सोचा है..................
खुद से खुद का सामना, झलकती हो सच्चाई तो आइना भी साथ देता है, झूठ छपा हो चेहरे पर तो, दर्पण भी खुद ब खुद चटक जाता है.
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