rashi sharma
24 Nov, 2022 | 0 mins read

rashi sharma
11 Nov, 2022 | 0 mins read
किरण...............
उसे पता है उसके महत्व का, तभी तो भाव खाता है, इंतज़ार करवाता दिनों दिन, फिर कहीं जा के अपनी झलक दिखाता है.
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rashi sharma
09 Nov, 2022 | 0 mins read
तू भी कभी जिन्दगी..................
मुझे चलाती है पर मुझे नहीं जानती, तेरे कितने चेहरे है, तू तो ऐ भी नहीं जानती.
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rashi sharma
02 Nov, 2022 | 0 mins read
चाँद छुपा..................
खुद की करने वाला, सबकी सुनने वाला, मनमौजी हूँ, मतलबी नहीं, हर वक्त कुछ ना कुछ सिखाने वाला.
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rashi sharma
01 Nov, 2022 | 1 min read
संतुलन..................
ऐ वो चीज़ नहीं जो हाथों में होती है, ऐ तो वो चीज़ है जो हर दफा, सोच से बाहर होती है.
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rashi sharma
31 Oct, 2022 | 0 mins read
सवालों का सिलसिला.................
सवालों का घेराव बड़ा ज़टिल है, बुनता रहता है नए जाल, ज़िन्दगी को फंसाने के लिए.
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