

आदत............
आबो हवा बदलने के लिए, ख्वाहिश का ज़िंदा होना चाहिए, जब खुश है इक्मिनान के साथ, तो जीने को भला और क्या चाहिए.

रात तू इतनी...................
कभी तो तू भी सोया कर, छुप जाती है जब सूरज के पीछे, तब खुद की भी आवाज़ सुन लिया कर.

यादों की याद.............
हर मोड़ पर हर उम्र में कोई ना कोई मिल ही जाता है, एक ऐसा दोस्त जो सवाल नहीं करता, केवल साथ निभाता है.

ज़रूरत है खुद की......................
खुद के साथ दोस्ती कर लो, फिर किसी और की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी, भटकते रहोगे साथी की तलाश में, अंत में खुद से ही बातें होगी.

खौफ हैं....................
ऐ दर्शाता है कि हम ज़िंदा है, माना कि ड़रते है बहुत चाज़ों से हम, लेकिन इसमें कोई शक नहीं, कि खौफ सिखाता है हमें कि क्या करना है या क्या नहीं.

ज़िन्दगी.................
उलझनों से जोड़ती है, आज़ादी कहती तो है, मगर कैद मेंं रहना पसंद करती है.



क्या कभी सोचा है..................
खुद से खुद का सामना, झलकती हो सच्चाई तो आइना भी साथ देता है, झूठ छपा हो चेहरे पर तो, दर्पण भी खुद ब खुद चटक जाता है.

रेलगाड़ी और पटरी................
उसने पहुँचाया वहां जहां हम जाना चाहते थे, अब भी पहुँचा रही है हमें जहां हम जाना चाहते है, पुराना इतिहास उसका आज भी कायम है, तभी तो मशहूर है वो हर जगह, जहां अब तक ना पहुँचा कोई तेज रफ्तार साधन है.