क्या कभी सोचा है..................

खुद से खुद का सामना, झलकती हो सच्चाई तो आइना भी साथ देता है, झूठ छपा हो चेहरे पर तो, दर्पण भी खुद ब खुद चटक जाता है.

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rashi sharma
rashi sharma 13 Sep, 2022 | 0 mins read

हम बात भी पुराने दिनों की करते है,

और ज़िक्र में आज को शामिल कर लेते है,

लिखते है पुरानी कहानी हम,

जिसे आज से जोड़ दिया करते है,

लोग भी हमारी बातों को खुब चस्स लेकर सुनते है,

क्रयोंकि हम उनकी भी कहानी अपनी ज़ुबान में बताते है,


क्या कभी सोचा है,

भूलकाल में फंसा इंसान, वर्तमान में घमण्ड़ के साथ जी रहा है,

भविष्य से बेखबर है फिर भी अहंकार में जी रहा है,

मुझको सब पता है कह कर ना जाने कितनी सदी गुज़ार दी,

खुदा समझ लिया खुद को तभी तो दुनिया जीतने की लत पाल ली,


क्या कभी सोचा है,

जिस दिन हार जाओगें उस दिन क्या करोगे,

जब जान जाओगें खुद की सच्चाई तो कहां सिर झुपाओगें,

खुद का पागलपन खुदी को बर्बाद कर देता है,

खुद को इंसान ही समझो वरना अहंकारी लोगों से खुदा भी मुँह फेर लेता है.

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