मेरी दुनिया.............

जितने लोग उतने ही ख्वाब होते है, एक ही दुनिया में अनगिनत संसार होते है.

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rashi sharma
rashi sharma 27 Oct, 2022 | 1 min read

इस दुनिया में अपनी एक अलग दुनिया चाहते है,

हम खुद के साथ, खुद का एक अलग कोना चाहते है,

जहाँ हंसी पर भी खुद का ह़क हो,

आसूं पोछने के लिए भी अपनी ही संग हो,


हिसाब - किताब की दुनिया से बाहर जाना चाहते है,

हम अपनी बेहिसाबी में ही रहना चाहते है,

सिख लेगें ज़रूरत पड़ने पर दुनियादारी भी,

मेरी दुनिया में ज़रूरत ही कब है किसी और जहान की.


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rashi sharma

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