गुस्से का कहर..................

हिस्सा है इंसान का, महसूस होता है जज़्बात सा, ड़रते है इससे पर कुछ कर नहीं पाते, भागना चाहते है इससे पर भाग नहीं पाते.

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rashi sharma
rashi sharma 28 Oct, 2022 | 0 mins read

दो पल के लिए आता है, सब कुछ तबाह कर जाता है,

रिश्ते दूर हो जाते है, नातों से विश्वास उठ जाता है,

एहसास भी होता है कि हम गुस्से में क्या कर गए,

लेकिन क्या फयदा उस पल में हम सब कुछ भूल गए,


लम्बे समय तक तो नाराज़गी रहती है,

क्रोध की उम्र तो छोटी ही होती है,

सबको पता है कि इसका कहर कितना जानलेवा है,

इंसान तो ज़िंदा रहता है, लेकिन यकीन का कत्ल हो जाता है,


इसे खुद से दूर करते है, इसके आने पर मुँह फेर लेते है,

जानते है अनचाहे मेहमान से कितनी घुटन होती है,

वो अगर ठहर जाएं दो मिनट के लिए भी तो सांसें भी बदहाल सी होने लगती है.


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