तू भी कभी जिन्दगी..................

मुझे चलाती है पर मुझे नहीं जानती, तेरे कितने चेहरे है, तू तो ऐ भी नहीं जानती.

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rashi sharma
rashi sharma 09 Nov, 2022 | 0 mins read

माना कि तू जान गई है कि हम में हिम्मत बहुत है,

सबर तो जैसे हमारी ही पहचान है,

चेहरे से कभी हंसी रवाना नहीं होती,

ऐ तो हो गई हमारी तारीफ,

अब तू बता ज़िन्दगी तू मेरे हिसाब से क्यों नहीं चलती,


जब लगता है सब अच्छा होगा,

तू उसी समय पर चकमा दे जाती है,

अभी तो शुरूआत है तू तो पहले ही नाराज़ हो जाती है,

समझ नहीं आता तुझे मनाए या तेरी मानें,

असमंजस में है बहुत तू ही बता तू क्या चाहे.




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