Aman G Mishra
Aman G Mishra 13 Aug, 2019 | 1 min read

कश्मीर :राजनीति

आज एक छोटा सा लेख.........….... जो पार्टियाँ कश्मीर में 370 हटने के बाद अशान्ति की कामना कर रही हैं वो ख़ुद अपनी राजनीतिक सँभावनाओं को आग लगा रही हैं। कश्मीर के लिए जहाँ आज की सरकार की नीति को जनता का समर्थन मिल रहा है वहीं पूर्ववर्ती सरकारों को भी कश्मीर में भारत के प्रभुत्व को स्थापित करने की हर कोशिश को समर्थन मिलता रहा है। देश जानता है कि कश्मीर के भारत में विलय के बाद लगभग चार दशक तक लगभग शान्ति रही, इसका कारण है फैसले लेने वाली सरकार होना। 1989 के बाद अस्थाई सरकारों के दौर ने अपनी अक्षमताओं के कारण कश्मीर समस्या को बढ़ावा दिया। आज फिर देश में एक स्थाई एवं फैसले लेने वाली सरकार है और लोगों की भावनाओं के अनुरूप इस विषय पर काम कर रही है ऐसे में जो लोग विरोध कर रहे हैं वो देश की आँखों में किरकिरी बन रहे हैं। देश का मत न समझने वाले लोग न सिर्फ अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं बल्कि अपनी पार्टी के सुलझे हुए नेताओं को उलझन में डाल रहे हैं, ऐसे में दल बदल ही उनके पास एक रास्ता है क्योंकि अकेला चलो की क्षमता न किसी में बची है न स्वीकार्यता है। सीरत बदलिए सूरत बदलने से कुछ नहीं होगा। जय हिंद

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Aman G Mishra 13 Aug, 2019 | 0 mins read

अनुच्छेद 370

धारा 370 370 के कुछ प्रावधान समाप्त कर दिए गए। बहुतों ने छाती पीटी, अल्पसंख्यक समुदाय की दुहाई दी गई, ऐतिहासिक दस्तावेजों की दुहाई दी गई। कुछ लोगों ने मुझसे कहा कि इस पर लिखो। लिखना क्या है! यह देश कैसे चलेगा? इतिहास के कुछ पन्नों से, कुरान से, मनु स्मृति से या दास कैपिटल से? पहले यह निर्धारित कर लें। इस देश मे मेरिट और डीमेरिट का निर्धारण कब तक जाति और धर्म से होगा? एक संघ के अनेक घटकों को चलाने के लिए केवल एक नीति निर्देश तत्व होना चाहिए, समता। वह समता कश्मीर और अल्पसंख्यकों तक आकर क्यों लुप्त होने लगती है! संविधान की मूल भावना के विपरीत है, किसी को भी विशेष अधिकार देना। 370 उसी समानता की मूल भावना के खिलाफ है, भारत संघ के अंदर प्रत्येक राज्य एक ही नियम से संचालित होने चाहिए। समय है देश के अंदर से ऐसे भेदभाव वाले नियमों को ढूंढ ढूंढ कर खत्म करने के, न कि ऐतिहासिकता और अल्पसंख्यकों के अधिकार के नाम पर भेदभाव के सुरक्षा की। अंत में, इसका श्रेय किसे जाएगा, 370 खत्म करने का! मोदी और शाह को, या भाजपा को! सामान्य लोग इसका श्रेय इन्हें ही देंगे, लेकिन मैं इसका श्रेय दूंगा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को जिसकी संगठन क्षमता और विचारधारा में ऐसे हजारों मोदी पैदा करने की क्षमता है।

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Aman G Mishra 11 Aug, 2019 | 1 min read

कहानियाँ

मैं जब कहानियों के साथ होता हूँ कुछ कुछ आदिम अवस्था में रहता हूँ, बल्कि कहानियों के बिना मैं सभ्यता के चीथड़ों को चिपकाए कोई अलग ही जीव बन जाता हूँ।

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Aman G Mishra
Aman G Mishra 11 Aug, 2019 | 1 min read

सुषमा स्वराज

" आपको गाँठे खोलना नही आता, मसखरी के अलावा कुछ बोलना नही आता"

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Aman G Mishra 11 Aug, 2019 | 1 min read

Story: Importance

आप अपने जीवन में आई किसी भी चीज़ से ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं। पत्नी के जन्मदिन पर पति ने उसे एक कार उपहार में दी। पहले उसने कार की चाबियाँ सौंपीं, फिर एक पैकेट दिया जिसमें पत्नी के ड्राइविंग लाइसेंस सहित अन्य तमाम काग़ज़ात थे। इसके बाद उसने देर तक पत्नी का आलिंगन किया। फिर उसने प्रस्ताव रखा कि मैं बच्चों का ध्यान रखूँगा, तुम कुछ देर अपनी नई कार की सवारी का आनंद लो। पत्नी ने उसे धन्यवाद दिया, उसका चुंबन लिया और फिर कार लेकर चल पड़ी। वह मुश्किल से एक किलोमीटर ही गई होगी कि उसकी नई-नवेली कार सड़क के डिवाइडर से टकरा गई। उसे ख़ुद को तो चोट नहीं आई लेकिन कार में गहरी खरोंच पड़ गई। ये देखकर वह अपराधबोध में डूब गई, “अब मैं उनसे क्या कहूँगी? ये सब देखकर वे क्या कहेंगे?” उसके दिमाग़ में विचारों का तूफ़ान चल ही रहा था कि पुलिस भी आ पहुँची। उन्होंने कहा, “क्या हम आपका लाइसेंस देख सकते हैं?” उसके हाथ अभी भी काँप रहे थे, उसने वह पैकेट उठाया जो उसके पति ने उसे दिया था। उसमें से लाइसेंस निकालते हुए उसकी आँखों से आँसू बहने लगे। तभी उसका ध्यान उस पैकेट पर लगी एक पर्ची पर गया जिस पर उसके पति ने अपने हाथ से लिखा हुआ था, “प्रिये, यदि कोई दुर्घटना हो जाए तो प्लीज़ यह याद रखना कि जिसे मैं प्रेम करता हूँ वह तुम हो, कार नहीं - तुम्हें प्रेम करने वाला।”

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Aman G Mishra
Aman G Mishra 10 Aug, 2019 | 1 min read

कर्म

गीता में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को 'कर्म' के विषय समझाते हुए यह कहते हैं कि प्रत्येक मनुष्य हर समय कोई न कोई काम करता ही है और कर्म ना करने से बेहतर है कि कुछ न कुछ करते ही रहो। उसी से शरीर निर्वाह भी संभव है। तब अर्जुन भगवान से पूछते हैं कि भगवान आप तो सर्वव्यापी परमेश्वर हैं आपके पास तो किसी भी चीज का अभाव नहीं है तब आप क्यों कर्म करते हैं? भगवान इस प्रश्न का एक बहुत ही प्यारा, बहुत ही प्रशंसनीय जवाब देते हैं अर्जुन मैं जो जो कार्य करता हूँ, मेरा अनुकरण पूरा संसार करता है अगर मैं कार्य करता हूं पूरा संसार मेरे मेरा अनुकरण करते हुए वैसा वैसा ही कार्य करते हैं अगर मैं कार्य करना बंद कर दूं या निष्क्रिय हो जाऊं तो यह संसार भी निष्क्रिय हो जाएगा और संसार का नाश हो जाए इसलिए मेरा कर्म करना जरूरी है।

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Aman G Mishra
Aman G Mishra 10 Aug, 2019 | 1 min read

परसाई

हरिशंकर परसाई आज हरिशंकर परसाई जी की पुण्यतिथि पर उनको सादर नमन! हिंदी व्यंग्य की दुनिया में जब भी घुसा जायेगा, परसाई ही परसाई मिलेंगे। मैंने उनकी पहली रचना 'टेलीफोन' पढ़ी थी, जिसके बाद खुद मुझे व्यंग में काफी रूचि बढ़ गयी थी। उसके बाद मैंने उनके द्वारा लिखे गए कई व्यंग पढ़े। आज के साहित्य में वैसा व्यंग मिलना दूभर है, परसाई जी के व्यंग में खास बात ये थी कि वो तमाचा जिसे मारते थे, ताली भी वही बजाता था, बाद में पता चलता कि अरे! मेरी ही खिल्ली उड़ गई। उनके व्यंग्यात्मक निबंधों में सामाजिक बुराइयों पर कटाक्ष देखने को सहज ही मिल जाता है। परसाई जी हिंदी साहित्य जगत में व्यंग के लिए एक अमिट छाप हैं, उनके बिना व्यंग अधूरा है।

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Aman G Mishra
Aman G Mishra 10 Aug, 2019 | 0 mins read

रक्षाबंधन

रक्षाबंधन एक त्यौहार जिसमे बहन अपने भाई को रक्षासूत्र बाँधती हैं, और भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा का वचन देता है। हिन्दू धर्म का ये पवित्रतम त्यौहार हमें एक पवित्र रिश्ते में जोड़ता है। अतः न सिर्फ हिन्दू धर्म में बल्कि सभी धर्मों में यह त्यौहार मनाया जाना चाहिये,क्योकि भाई और बहन का प्यार किसी मजहब विशेष का मोहताज नही होता। इसीलिए ये रिश्ता पवित्रतम् माना जाता है। जिस तरह भाई अपनी बहन को उसकी सुरक्षा का वादा करते हैं, मैं सभी बहनों से आग्रह करता हूँ कि वो भी अपने भाई को उसकी रक्षा का वादा करें, ये वादा अपने भाई को नशे, कुसंगति, और कुमार्ग पर चलने रोकने का होना चाहिए। बहन अगर अपने भाई से बदले में ये वादा लें कि वो इन गलत रास्तो में नही चलेगा,तो इस तरह से बहन अपने भाई की ज़िंदगी बदल सकती हैं।

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Aman G Mishra
Aman G Mishra 10 Aug, 2019 | 0 mins read

रक्षाबंधन

रक्षाबंधन एक त्यौहार जिसमे बहन अपने भाई को रक्षासूत्र बाँधती हैं, और भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा का वचन देता है। हिन्दू धर्म का ये पवित्रतम त्यौहार हमें एक पवित्र रिश्ते में जोड़ता है। अतः न सिर्फ हिन्दू धर्म में बल्कि सभी धर्मों में यह त्यौहार मनाया जाना चाहिये,क्योकि भाई और बहन का प्यार किसी मजहब विशेष का मोहताज नही होता। इसीलिए ये रिश्ता पवित्रतम् माना जाता है। जिस तरह भाई अपनी बहन को उसकी सुरक्षा का वादा करते हैं, मैं सभी बहनों से आग्रह करता हूँ कि वो भी अपने भाई को उसकी रक्षा का वादा करें, ये वादा अपने भाई को नशे, कुसंगति, और कुमार्ग पर चलने रोकने का होना चाहिए। बहन अगर अपने भाई से बदले में ये वादा लें कि वो इन गलत रास्तो में नही चलेगा,तो इस तरह से बहन अपने भाई की ज़िंदगी बदल सकती हैं।

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Aman G Mishra
Aman G Mishra 09 Aug, 2019 | 1 min read

ग़ज़ल

मछुआरा पानी से डर कर बैठेगा, अँधियारा मुझ में घर कर बैठेगा? मैं हवा, ठहरा, तो क्या रुक गया, अपने घर तूफ़ां भी आकर बैठेगा। छोटी मोटी पतवारों को क्या छेड़ें, ये हाँथ जहाँ बैठेगा जम कर बैठेगा। कुर्सियाँ बिकती हैं खरीद सकते हो, मग़र जो बैठेगा इज़ाज़त लेकर बैठेगा। ग़ज़ल लिखी जाती है ऐसे माहौल में, तू पढ़ने बैठेगा तो संभलकर बैठेगा।

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