कश्मीर :राजनीति

आज एक छोटा सा लेख.........….... जो पार्टियाँ कश्मीर में 370 हटने के बाद अशान्ति की कामना कर रही हैं वो ख़ुद अपनी राजनीतिक सँभावनाओं को आग लगा रही हैं। कश्मीर के लिए जहाँ आज की सरकार की नीति को जनता का समर्थन मिल रहा है वहीं पूर्ववर्ती सरकारों को भी कश्मीर में भारत के प्रभुत्व को स्थापित करने की हर कोशिश को समर्थन मिलता रहा है। देश जानता है कि कश्मीर के भारत में विलय के बाद लगभग चार दशक तक लगभग शान्ति रही, इसका कारण है फैसले लेने वाली सरकार होना। 1989 के बाद अस्थाई सरकारों के दौर ने अपनी अक्षमताओं के कारण कश्मीर समस्या को बढ़ावा दिया। आज फिर देश में एक स्थाई एवं फैसले लेने वाली सरकार है और लोगों की भावनाओं के अनुरूप इस विषय पर काम कर रही है ऐसे में जो लोग विरोध कर रहे हैं वो देश की आँखों में किरकिरी बन रहे हैं। देश का मत न समझने वाले लोग न सिर्फ अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं बल्कि अपनी पार्टी के सुलझे हुए नेताओं को उलझन में डाल रहे हैं, ऐसे में दल बदल ही उनके पास एक रास्ता है क्योंकि अकेला चलो की क्षमता न किसी में बची है न स्वीकार्यता है। सीरत बदलिए सूरत बदलने से कुछ नहीं होगा। जय हिंद

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Aman G Mishra
Aman G Mishra 13 Aug, 2019 | 1 min read

आज एक छोटा सा लेख.........….... 

           जो पार्टियाँ कश्मीर में 370 हटने के बाद अशान्ति की कामना कर रही हैं वो ख़ुद अपनी राजनीतिक सँभावनाओं को आग लगा रही हैं। कश्मीर के लिए जहाँ आज की सरकार की नीति को जनता का समर्थन मिल रहा है वहीं पूर्ववर्ती सरकारों को भी कश्मीर में भारत के प्रभुत्व को स्थापित करने की हर कोशिश को समर्थन मिलता रहा है। देश जानता है कि कश्मीर के भारत में विलय के बाद लगभग चार दशक तक लगभग शान्ति रही, इसका कारण है फैसले लेने वाली सरकार होना। 1989 के बाद अस्थाई सरकारों के दौर ने अपनी अक्षमताओं के कारण कश्मीर समस्या को बढ़ावा दिया। आज फिर देश में एक स्थाई एवं फैसले लेने वाली सरकार है और लोगों की भावनाओं के अनुरूप इस विषय पर काम कर रही है ऐसे में जो लोग विरोध कर रहे हैं वो देश की आँखों में किरकिरी बन रहे हैं। देश का मत न समझने वाले लोग न सिर्फ अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं बल्कि अपनी पार्टी के सुलझे हुए नेताओं को उलझन में डाल रहे हैं, ऐसे में दल बदल ही उनके पास एक रास्ता है क्योंकि अकेला चलो की क्षमता न किसी में बची है न स्वीकार्यता है।

    सीरत बदलिए सूरत बदलने से कुछ नहीं होगा। जय हिंद

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