Snehlata Dwivedi
Snehlata Dwivedi 16 Apr, 2021 | 1 min read

अस्तित्व की खोज

अस्तिव की तलाश में भटकता व्यक्तित्व और उसकी परिणति पर एक रचना

Reactions 0
Comments 0
384
Snehlata Dwivedi
Snehlata Dwivedi 15 Apr, 2021 | 1 min read

माँ चंद्रघंटा

माँ दुर्गा की तीसरी शक्ति भगवती चन्द्रघंटा , जो दश भुजाओं वाली शस्त्र से सुसज्जित दुष्टों का दलन को तैयार अति कल्याणकारी हैं। उस मां5चन्द्रघंटा को समर्पित आराधना!

Reactions 0
Comments 0
263
Snehlata Dwivedi
Snehlata Dwivedi 15 Apr, 2021 | 1 min read

तितली की उड़ान

तितली एक गरीब परिवार की होनहार लड़की ( सांकेतिक) संवेदनशील और होनहार। संघर्ष के उपरांत तितली के विजय की कहानी। गरीब माता पिता के अप्रतिम आनंद और गर्व की अनुभूति का रेखांकन।

Reactions 1
Comments 0
404
Snehlata Dwivedi
Snehlata Dwivedi 14 Apr, 2021 | 1 min read

ब्रह्मचारिणी माँ

माँ ब्रह्मचारिणी का स्वरूप भगवती दुर्गा का दूसरा तपस्विनी का स्वरूप है। कहते हैं कि माँ ब्रह्मचारिणी नें हजारों वर्ष कठोर तप किया और सैकड़ो वर्ष व्रत कर भगवान शिव को प्राप्त किया। पर्वत राज हिमालय की पुत्री नें अपने तप जप से ब्रह्मचारिणी के नाम को सार्थक किया। वो प्रेम के संकल्प शक्ति की अद्वितीय उदाहरण है।

Reactions 1
Comments 1
275
Snehlata Dwivedi
Snehlata Dwivedi 13 Apr, 2021 | 1 min read

माँ शैलपुत्री

माँ शक्तिस्वरूपा माँ दुर्गा के प्रथम रूप माँ शैलपुत्री की वंदना🌹

Reactions 1
Comments 1
369
Snehlata Dwivedi
Snehlata Dwivedi 13 Apr, 2021 | 1 min read

नयना दरश को पुकारती

जगतजननी माँ जगदंबा भगवती महामाया दुर्गा को नमन करती हुई मेरी रचना!🙏🙏

Reactions 1
Comments 1
377
Snehlata Dwivedi
Snehlata Dwivedi 12 Apr, 2021 | 1 min read

मेरी अभिलाषा

अभिलाषा मानव जीवन को सार्थक और गतिमान बनाती है। वैसी ही मेरी अभिलाषा के बारे में प्रस्तुत है मेरी रचना!

Reactions 0
Comments 0
381
Snehlata Dwivedi
Snehlata Dwivedi 11 Apr, 2021 | 1 min read

बिहार दर्शन

भारत के अध्यात्म , शक्ति ,शांति और सद्भाव की भूमि बिहार का एक परिचय! एक विनम्र प्रस्तुति!

Reactions 1
Comments 0
394
Snehlata Dwivedi
Snehlata Dwivedi 11 Apr, 2021 | 1 min read

आत्म कथा

आत्मानुभूति का सरस विवरण

Reactions 1
Comments 0
340
Snehlata Dwivedi
Snehlata Dwivedi 05 Apr, 2021 | 1 min read

Title

नारी के विभिन्न स्वरूपों के साथ प्रकृति के सृजन के भाव को सबल करती कविता आओ प्रिय।

Reactions 1
Comments 2
250