बिहार दर्शन

भारत के अध्यात्म , शक्ति ,शांति और सद्भाव की भूमि बिहार का एक परिचय! एक विनम्र प्रस्तुति!

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Snehlata Dwivedi
Snehlata Dwivedi 11 Apr, 2021 | 1 min read

बिहार दर्शन


आओ प्यारे तुम्हें कराऊँ दर्शन मैं बिहार की,

यह मिट्टी है ज्ञान शौर्य की शांति की, सद्भाव की।

श्रमशक्ति का ओज रगों में प्रतिभा के सम्मान की,

विजयी जीवन देश को अर्पण करते पूत महान की।



चक्रवर्ती अशोक यहाँ थे चक्र तिरंगा शान की,

शेरशाह के ग्रैंड ट्रैंक और शासन सत्य महान की।  

चंद्रगुप्त कौटिल्य गुरु की दर्शन नीति ज्ञान की,

आर्यभट्ट वराहमिहिर की धरती के स्वाभिमान की।


शून्य ज्ञान अंको के खेल और ज्योतिष के आवतार की,

पुण्यभूमि आयुर्वेद की धरती धर्मनीति प्रज्ञान की।

सुश्रुत शल्य चिकित्सा दाता बैद्यराज गुणधम की,

गौरवगाथा क्या बतलाऊँ जय जय जय बिहार की।


राम के ज्ञानस्थली बक्सर विश्वामित्र महान की,

लिट्टी चोखा दहीबड़ा मनेरी लड्डू स्वाद की।

सबमें सबका सर्वसुखी हों समरस सभ्य समाज की,

गंगा, गंडक ,सोन, चंपा, कर्मनाशिनी धाम की।


विक्रमशिला और नालंदा के ज्ञान और प्रकाश की ,

पाटलिपुत्र की पुण्यभूमि की, गौतम बुद्ध महान की।

बुद्ध के ज्ञान और तपोभूमि की गयाभूमि गुणगान की,

गोविंदसिंह अवतरण सुखद की नानक के सद्ज्ञान की।

महावीर थे अति तपस्वी जैन दर्शन ज्ञान की,

अध्यात्म की पुण्य भूमि यह जय जय जय बिहार की।


मोक्ष भूमि तर्पण की देखो, विष्णुपाद पावन धाम की,

सूर्य के मंदिर देव धाम की, प्रेम परस्पर पान की।


पान मखान पाग और मेवा मिथिला अद्भुत धाम की,

 मण्डन धाम महिषी की तोता वेद पढ़ावत ज्ञान की,

दही चूड़ा गुड़ संग पावत मगही पान सम्मान की।


भोजपुरी से ओज सहज सम मैथिली ,मगही भाष्य की,

अंगिका , बज्जिका मिलें परस्पर सुमधुर सुंदर गान की।

उर्दू के मिठास और हिंदी के स्वाभिमान की।


जयप्रकाश की जय जय बोलो जय  बोलो बिहार की,

बी.पी.मंडल अजब मसीहा , राजेन्द्र बाबू के शान की।

दिनकर, रेणु, द्विज, मंड़ल, बशिष्ठ नारायण के दुर्लभ ज्ञान की,

दिल में बसता देश हमारा जय जय जय बिहार की।


डॉ स्नेहलता द्विवेदी "आर्या"


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Snehlata Dwivedi

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