ARCHANA ANAND

archana2jhs

https://www.paperwiff.com/archana2jhs

Proud mother of a lovely daughter,a neophyte poet,an inquisitive writer and an ardent reader. Books are my weakness and words are my power.I am the abandoned child of Minerva.

ARCHANA ANAND
ARCHANA ANAND 09 Feb, 2021 | 0 mins read

प्रेम सत्र

प्रेम सप्ताह को केंद्र में रखकर लिखी गई एक मनोरंजक हास्य कविता ?

##humour ##1000poems

Reactions 1
Comments 0
640
ARCHANA ANAND
ARCHANA ANAND 09 Feb, 2021 | 0 mins read

जब तक जीवन है

जीवन को सकारात्मक ढंग से जीने का सबक सिखाती प्रेरक कविता

##Inspiration ##1000poems

Reactions 1
Comments 0
523
ARCHANA ANAND
ARCHANA ANAND 09 Feb, 2021 | 0 mins read

चल ख़्वाब देखते हैं

मुख़्तसर सी ज़िंदगी के कुछ मुसल्सल ख़्वाब

##womens ##1000poems

Reactions 1
Comments 0
561
ARCHANA ANAND
ARCHANA ANAND 09 Feb, 2021 | 0 mins read

ख़लिश

ये होता है तो ये होता क्यों है? जज़्बातों को कागज़ पे उकेरा हमने, जो फुर्सत हो तो पढ़िए न!

##1000poems

Reactions 1
Comments 0
532
ARCHANA ANAND
ARCHANA ANAND 05 Feb, 2021 | 0 mins read

इश्क़ गुजिश्ता

तुम्हें भुलाने की कोशिश में बुनी थी ये कविता... तुम खुद ही पढ़ लो न ??

##1000poems

Reactions 1
Comments 0
574
ARCHANA ANAND
ARCHANA ANAND 04 Feb, 2021 | 0 mins read

निर्विकार

अपने रक्त, अस्थि मज्जा से निर्मित अंश पर किसी का एकाधिकार होना... स्त्री से सीखे कोई निर्विकार होना

##1000poems

Reactions 1
Comments 0
577
ARCHANA ANAND
ARCHANA ANAND 04 Feb, 2021 | 1 min read

बेदर्द सर्दी

एक मनोरंजक हास्य कविता

##1000poems

Reactions 1
Comments 2
604
ARCHANA ANAND
ARCHANA ANAND 04 Feb, 2021 | 1 min read

क़ायनात

प्यार के खूबसूरत एहसास को शब्दों में पिरोती प्रेम कविता

##1000poems

Reactions 1
Comments 0
640
ARCHANA ANAND
ARCHANA ANAND 04 Feb, 2021 | 1 min read

पाषाण

मनुष्य के पल पल बदलते भावों और स्वभाव की पड़ताल करती कविता

##1000poems

Reactions 1
Comments 0
592
ARCHANA ANAND
ARCHANA ANAND 04 Feb, 2021 | 1 min read

समिधा

पुरुषों के निर्वाण का पथ हर युग में स्त्रियों की समाधि से होकर गुजरता रहा है... स्त्रियों के अभिशप्त जीवन पर लिखी मार्मिक कविता

##contest ##1000poems

Reactions 1
Comments 0
588