क़ायनात

प्यार के खूबसूरत एहसास को शब्दों में पिरोती प्रेम कविता

Originally published in hi
Reactions 1
426
ARCHANA ANAND
ARCHANA ANAND 04 Feb, 2021 | 1 min read
#1000poems

इक रात रोक रखी है सितारों वाली

इक चांद छुपा रखा है पीछे दरख़्त के

कुछ ख़्वाब हैं ठहरे से मिरी पलकों पर

कुछ ओस से भीगी रुबाईयाँ हैं

कुछ लफ्ज़ हैं ठहरे मिरे होठों पर

कितना भारी सा हुआ है ये 

वक्त का पहिया

कि तुम चले आओ तो

फिर ये रात चले

मुद्दतों से रुकी सी है दिल की घड़ी

कि तुम आओ तो मिरी क़ायनात चले!

©अर्चना आनंद भारती


1 likes

Published By

ARCHANA ANAND

archana2jhs

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.