प्रेम सत्र

प्रेम सप्ताह को केंद्र में रखकर लिखी गई एक मनोरंजक हास्य कविता 😊

Originally published in hi
Reactions 1
440
ARCHANA ANAND
ARCHANA ANAND 09 Feb, 2021 | 0 mins read
#humour #1000poems

मेरी आँखों ने लिखे,उन आँखों को पत्र

आँखों आँखों में शुरू, हुआ प्रेम का सत्र


उन आँखों में डूबकर, छोड़ा सब संसार

पढ़ना लिखना भूल गए, दिखता प्यार ही प्यार


प्रेम मगन जब मन भया, भूल गए दिन रात

अब सपने में भी करें, बस उनसे ही बात


लागै पै ना छूटता, है असाध्य यह रोग

आई परीक्षा की घड़ी, हाय बुरा संयोग


अंक मिले हैं न्यून अब,बेड़ा अपना गर्क

अफ़सर बनने थे चले, बन बैठे हैं क्लर्क


अम्मा बाबूजी रूठे, हाय समय का चक्र

कसते तीखे तंज अब, दृष्टि उनकी वक्र


हम कहते अनुरोध कर, कर लो तुम स्वीकार

बिना चाकरी के कभी, करना ना तुम प्यार!

©अर्चना आनंद भारती

1 likes

Published By

ARCHANA ANAND

archana2jhs

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.