Sonnu Lamba

sonnulamba

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मैं एक गृहणी हूं, इंजीनियरिंग में स्नातक और हिंदी से परास्नातक की शिक्षा ली है, साहित्य में रूचि है, पढना और लिखना दोनो पसंद है..!!

Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 30 Dec, 2020 | 1 min read

जादुई पिटारे... !

बात खतो की और चिट्ठियों के वो जमाने..

#Chitthi #Letters #Nostlegia #Postman

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Sonnu Lamba 28 Dec, 2020 | 1 min read

पिता का असमय चले जाना..

निजी अनुभव

#Life #Father #Father love

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 25 Dec, 2020 | 1 min read

गुप्त दान...

सैंटा को सबके पास जाना ही चाहिए..!!

#Contest #Santa #Christmas

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 18 Dec, 2020 | 1 min read

अफसोस

ये एक फ्यूचर फिक्शन कहानी है.. (2080 और हम) इसका कालखंड वो है जो अभी किसी ने भी नहीं देखा और जिंदगी जिस तरफ ले जा रही है... उसके अनुसार कल्पना की जाएं तो, ये अतिशयोक्ति भी नहीं.... पढिए..!

#Life #Future #Fiction #Pollution #Future fiction

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 14 Dec, 2020 | 1 min read

परिवार और अंहकार

रिश्तो में, इगो का होना, संवाद की, सहयोग की सभी खिडकियां बंद कर देता है और फिर....... पढिए........!!

#Life #Joint family #Relationships #Ego #Family #Team

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 13 Dec, 2020 | 1 min read

प्रेम

My Poetry.. देखिए तो, 1994 में हम कैसा लिखते थे..!

#Poem #1994 #Me and my poems #Old days #Memories #Mypoetry

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 12 Dec, 2020 | 1 min read

बुढापा

बुढापा अपने आप में ही एक समस्या है, उस पर वक्त कठिन हो जाए तो...!

#Life obstacles #Life #Oldage #Story #Older people

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 09 Dec, 2020 | 1 min read

असली दर्पण

एक दिन, अपने कॉलेज जाते हुए रास्ते में, एक कन्सटरक्शन साइट पर कुछ बच्चो को गौर से देखा, कुछ देर तक, उनकी गतिविधियां देखी तब ये विचार मन में उपजे, ये 1995 की बात है, फिर घर आकर ये कविता स्वत: ही लिखी गयी..!

#Obstacles of life #Children #India #Poverty

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 08 Dec, 2020 | 1 min read

स्मृतियों में दिसम्बर

दिसम्बर का एक दिन

#Life #December #Love #Dhoop #My poetry

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Sonnu Lamba
Sonnu Lamba 02 Dec, 2020 | 1 min read

माटी पुत्र

किसान के मन के हर्ष और विषाद..कितने बेसिक होते हैं, महसूस किजीए... हालांकि इस कविता में वर्तमान बिल का कोई जिक्र नही है, ये आम दिनो की व्यथा है, कोन्टेस्ट में, मैं लिख चुकी हूं, ये मेरी दूसरी रचना है, जिसको राजनिति से इतर रखा है..! पढिए जरूर..!

#Life obstacles #Farmers #Family #Financial status

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