Title
राजस्थान में उत्पन्न सियासी संकट का जिम्मेदार कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व और कांग्रेस की नीतियां हैं । सचिन पायलट जो जनाधार वाले कद्दावर युवा नेता हैं और उन्होंने कई वर्षों से कांग्रेस पार्टी को संगठित करने में, संगठन को मजबूत बनाने के लिए समर्पण के साथ काम किया और चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करके जीत दिलाई। राजस्थान में कांग्रेस की जीत के पूरे शिल्पकार सचिन पायलट हैं।लेकिन वही कांग्रेस आज सचिन पायलट को दोषी ठहरा रही है, पद से हटा रही है। सचिन पायलट के कारण ही राजस्थान में कांग्रेस की जीत हुई और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए था लेकिन कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व ऐसा नहीं कर पाया। वर्तमान समय में कांग्रेस अटक और भटक गई है और वह बुजुर्ग बनाम युवा नेताओं की लड़ाई से जूझ रही है। वास्तव में कांग्रेस के पतन का कारण गलत राहों में जाता कांग्रेस का कमजोर केंद्रीय नेतृत्व है और कांग्रेस में उत्पन्न अत्यधिक गुटबाजी भी कांग्रेस के पतन का कारण सिद्ध होगी। वह पार्टी जीवंत और मजबूत बनी रहती है जो प्रतिभाओं को और युवाओं को महत्व देती है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस ने सिर्फ चाटुकारों को महत्त्व दिया है। कांग्रेस में आज ना कुशल नेतृत्व बचा है और ना ही प्रतिभाओं का सम्मान। सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नेता जो भविष्य की कांग्रेस कहे जाते थे। उनका पार्टी छोड़ना कांग्रेस की असहनीय क्षति है और एक ऐसी रिक्तता है जिसे लंबे समय तक भरा नहीं जा सकता है। कांग्रेस अपने अंतर्विरोधों के कारण अंत की ओर है। यदि कांग्रेस युवा नेताओं की फौज तैयार नहीं करेगी तो वह पार्टी कैसे आगे बढ़ेगी ? कांग्रेस मध्य प्रदेश की गलतियों को राजस्थान में दोहरा रही है। और वह एक ऐसी पार्टी बनती जा रही है जो गलतियों से सबक नहीं ले पा रही है। यदि कांग्रेस को जीवित रहना है, मजबूत होना है तो मेरी यही सलाह है कि वह चिंतन, मंथन और परिवर्तन को प्राथमिकता दे। युवाओं को महत्व दे, प्रतिभाओं को महत्व दे। क्योंकि प्रतिभावान युवा नेतृत्व और नेता ही कांग्रेस की एकमात्र संजीवनी बूटी हैं ।
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राजस्थान में उत्पन्न सियासी संकट का जिम्मेदार कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व और कांग्रेस की नीतियां हैं । सचिन पायलट जो जनाधार वाले कद्दावर युवा नेता हैं और उन्होंने कई वर्षों से कांग्रेस पार्टी को संगठित करने में, संगठन को मजबूत बनाने के लिए समर्पण के साथ काम किया और चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करके जीत दिलाई। राजस्थान में कांग्रेस की जीत के पूरे शिल्पकार सचिन पायलट हैं।लेकिन वही कांग्रेस आज सचिन पायलट को दोषी ठहरा रही है, पद से हटा रही है। सचिन पायलट के कारण ही राजस्थान में कांग्रेस की जीत हुई और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए था लेकिन कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व ऐसा नहीं कर पाया। वर्तमान समय में कांग्रेस अटक और भटक गई है और वह बुजुर्ग बनाम युवा नेताओं की लड़ाई से जूझ रही है। वास्तव में कांग्रेस के पतन का कारण गलत राहों में जाता कांग्रेस का कमजोर केंद्रीय नेतृत्व है और कांग्रेस में उत्पन्न अत्यधिक गुटबाजी भी कांग्रेस के पतन का कारण सिद्ध होगी। वह पार्टी जीवंत और मजबूत बनी रहती है जो प्रतिभाओं को और युवाओं को महत्व देती है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस ने सिर्फ चाटुकारों को महत्त्व दिया है। कांग्रेस में आज ना कुशल नेतृत्व बचा है और ना ही प्रतिभाओं का सम्मान। सचिन पायलट , ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नेता जो भविष्य की कांग्रेस कहे जाते थे। उनका पार्टी छोड़ना कांग्रेस की असहनीय क्षति है और एक ऐसी रिक्तता है जिसे लंबे समय तक भरा नहीं जा सकता है। कांग्रेस अपने अंतर्विरोधों के कारण अंत की ओर है। यदि कांग्रेस युवा नेताओं की फौज तैयार नहीं करेगी तो वह पार्टी कैसे आगे बढ़ेगी ? कांग्रेस मध्य प्रदेश की गलतियों को राजस्थान में दोहरा रही है। और वह एक ऐसी पार्टी बनती जा रही है जो गलतियों से सबक नहीं ले पा रही है। यदि कांग्रेस को जीवित रहना है, मजबूत होना है तो मेरी यही सलाह है कि वह चिंतन, मंथन और परिवर्तन को प्राथमिकता दे। युवाओं को महत्व दे, प्रतिभाओं को महत्व दे। क्योंकि प्रतिभावान युवा नेतृत्व और नेता ही कांग्रेस की एकमात्र संजीवनी बूटी हैं ।
ढूँढो ढूँढो रे नौकरिया दूजा प्रदेश में
पलायन को विवश लोग
चौकीदारी
मंत्री सारे चौकीदारी पे उतरे, अब कोई चौकीदार मंत्री बने,तो बात बने। पानी सर से ऊपर है,पांव अभी भीगे नही, पानी जब कुछ नीचे उतरे , तो बात बने। यहाँ का शाह फ़कीर बने फिरता है, कोई फ़कीर अब सिकंदर बने , तो बात बने। रोटी कपड़ा औ' मकान, नही है इतना आसान, कोई एक गिलास पानी तक पूंछे,तो बात बने। किरदार, मुखौटे, असलियत ,कोई मेल नही, कोई इंसान ग़र इंसान बने, तो बात बने। एक तारा है ,जो टिमटिमाता रहता है, उससे कहो वो चाँद बने, तो कोई बात बने। बात बात पर रोने से काम नही चलता है, किसी ग़रीब का कोई काम करे , तो बात बने। -Aman G Mishra
भारत विडम्बना
तुम दृढ नही ,तो कुछ नही, तुम आज हो,पर कल नही! अपने विचारों की सदृढता, खो गयी या थी नही !! सिंधु की लहरों में अब , सिंह सी गर्जना नही ! बात कह के जो अटल हो, क्या वो अब भारत नही!! बाण शैया पर था लेटा, शब्द सार्थकता सही! अपने ही वचनों पर अमर हो, क्या वो गंगा-सुत तुम नही!! दुनिया को सिखलाया इसी ने, ज्ञान-दीपक था यही ! क्षुद्र-पाखण्डी प्रभावित, क्या ये भारत था वही!! गंगा की लहरें भी न बदली, अब भी हिमालय खड़ा वहीं! तब क्यों कहता है ये भारत, अब स्वर्ण की चिड़िया नही!! क्या अब इस माटी में , वो वीर पैदा होते नही! कि भारत माँ की छाती में, अमृत सा अब पय नही!! फिर क्यों उसकी संतानों में , वो तेज दिखता ही नही! जो बता दे विश्व को, अब भी ये भारत है वही!! अब भी ये भारत है वही!! भारत माता की जय!! जय हिंद!! ©aman_g_mishra