Sonnu Lamba
05 Jun, 2021 | 1 min read
Dibyashri Banerjee
04 Jun, 2021 | 1 min read
Shilpi Goel
01 Jun, 2021 | 1 min read
मुकम्मल
मुकम्मल तो बस एक शब्द है यहाँ। असल में सबकुछ अधूरा सा है यहाँ।।
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anjaana_poetry
31 May, 2021 | 1 min read
एक एक सांस का हिसाब रख
कोशिश की है कुछ सकारात्मकता के साथ जीवन में आगे बढ़ने की
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Charu Chauhan
29 May, 2021 | 0 mins read
प्रेम, विछोह और भाषा
कैसे मनुष्य भाषा का निर्माण करते हैं और भूल जाते हैं अपने स्वार्थ के लिए। इसी पर आधारित है मेरी यह कविता।
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Charu Chauhan
29 May, 2021 | 1 min read
कुछ अनकही अनसुनी
कुछ बातें और एहसास अनकहे होते भी बहुत कुछ कहते हैं।
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