
rashi sharma
16 Oct, 2022 | 0 mins read


rashi sharma
14 Oct, 2022 | 1 min read


rashi sharma
04 Oct, 2022 | 0 mins read


rashi sharma
02 Oct, 2022 | 1 min read
रात तू इतनी...................
कभी तो तू भी सोया कर, छुप जाती है जब सूरज के पीछे, तब खुद की भी आवाज़ सुन लिया कर.
1
0
569

rashi sharma
30 Sep, 2022 | 0 mins read
ज़रूरत है खुद की......................
खुद के साथ दोस्ती कर लो, फिर किसी और की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी, भटकते रहोगे साथी की तलाश में, अंत में खुद से ही बातें होगी.
0
0
579

rashi sharma
28 Sep, 2022 | 0 mins read
ज़िन्दगी.................
उलझनों से जोड़ती है, आज़ादी कहती तो है, मगर कैद मेंं रहना पसंद करती है.
0
0
595

rashi sharma
15 Sep, 2022 | 1 min read
सीख रहे है...............
Learning, learning & learning.
0
1
660

rashi sharma
12 Sep, 2022 | 1 min read
रेलगाड़ी और पटरी................
उसने पहुँचाया वहां जहां हम जाना चाहते थे, अब भी पहुँचा रही है हमें जहां हम जाना चाहते है, पुराना इतिहास उसका आज भी कायम है, तभी तो मशहूर है वो हर जगह, जहां अब तक ना पहुँचा कोई तेज रफ्तार साधन है.
0
0
594

rashi sharma
02 Sep, 2022 | 1 min read
"मुस्कान"
जैसे ग़म की वजह तलाशते हो,मुझे भी तलाशों, कहीं खो ना जाऊँ मैं, मुझे पर भी ध्यान लगाओं.
0
0
593