आदि
आदि 27 Jun, 2022 | 1 min read

शाम- ए - ग़ज़ल

This gazal is for the special program of paperwifff tv shaam - e - gazal. The whole credit goes to that "zehen" , my ramani 😊

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आदि
आदि 30 May, 2022 | 1 min read

Digitalदुनिया में बदलते रिश्ते

ये मेरे अपने कुछ अल्फ़ाज़ है की मेरी निज़ी ज़िंदगी में इस डिजिटल दुनिया और इसके बने रिश्तों ने मुझे कैसे इश्क़ की एक नई तालीम दी..!

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आदि
आदि 23 May, 2022 | 1 min read

कौन हूँ मैं..?

ये मेरे अस्तित्व का मेरे और उसके मध्य अंधकार के समापन पे प्रश्न है।

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आदि
आदि 22 May, 2022 | 0 mins read

एक खोज का सिलसिला

एक तलाश जो जारी है जारी ही रहती है, हमसफ़र के भी आगे जाने की एक तलाश।।

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