एक खोज का सिलसिला

एक तलाश जो जारी है जारी ही रहती है, हमसफ़र के भी आगे जाने की एक तलाश।।

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आदि
आदि 22 May, 2022 | 0 mins read

मैं शून्य पे सवार हुए अंकों की यथार्थता की खोज करता हूँ।

भला नित्य भी काल का मारा है.. सो कियू ना यही खोज की जाए..!!

यदि गया तो क्या जायेगा? मेरा.. मैं तो हूँ. ;किन्तु यदि "मेरा" नहीं तो किसी का भी कैसे फिर ये है की ये भ्रम की मेरा है.., ये भी तो मेरा नहीं, परंतु फ़िर इस मेरे का क्या अस्तित्व..? हाँ उत्तर है मगर उत्तर जैसा क्या होता है कुछ भी नही! क्रीड़ा को खास समझने का भूल कियू..?

जाने दीजिये।

आदि?✍


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