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Love poem

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rekha jain
rekha jain 11 Feb, 2025 | 1 min read

   वैलेनटाइन डे 


आया वैलेनटाइन का सप्ताह 

जिसमें लड़का लड़की मिलते हैं 

सात दिन में जैसे सात रंग खिलते हैं 

रोज डे पर देते हैं एक लाल गुलाब 

प्रपोज डे पर बिखेरते है अपने उद्गगार

चाकलेट डे पर पाना चाहते हैं एक अमूल्य भेंट 

टेड़ी डे पर टैडी को प्रतिबिंब मानते हैं प्रेम का

प्रोमिस डे को सच्चाई का उत्सव मनाते हैं 

किस डे पर चुंबन और आलिंगन करते हैं 

वैलेनटाइन डे पर सात दिन में स्थित समुंदर नहा लेती है।

इस सप्ताह का अनुगमन करती है एक सुखद स्वप्न की तरह।

इन सात दिनों में नई पराकाष्ठा से गुजरती है 

मन में उठे प्रश्नों के संभावित उत्तर मिलते हैं 

तब समझ पाती है वैलेनटाइन का मतलब।

मुहब्बत के रंग में रंगा है वैलेनटाइन डे 

जंवाई मन के दिखते हैं नजारे

बूढ़ों के भी नयन कजरारे।

वैलेनटाइन डे के नाम पर प्रेम चहुं ओर है बहका बहका।


डॉ रेखा जैन दिल्ली 

स्वरचित व मौलिक रचना 

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