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मैं प्रेम बजाज ( P.B.) एक लेखिका हूं , मुझे लिखने और दोस्त बनाने का शौंक है ।

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सजावट
मुझसे ये सवाल क्यूंँ ? मैं जानती हूंँ तुम मेरे अहसासों को अच्छे से समझते हो, जब भी हम मिलते हैं अचानक से कहीं पर , मेरे हाथ से उतरी अंगूठी को देख तुम समझ जाते हो मेरे अहसासों को , सजावट के लिए जिसके नाम का मंगलसूत्र डाल रखा है, जिसकी तस्वीर साथ सजा रखी है काश वो भी पहचान जाता मुझे, तुम कहते हो मैं क्यों नहीं तोड़ सकती बंधन, जो समाज ने बांधा, क्यों नहीं तोड़ सकती इस सजावटी रिश्ते को? नहीं तोड़ सकती वो बंधन जो समाज ने बांधा है, भले ही रिश्ता बनावटी है, मगर नहीं तोड़ सकती, क्या तुम तोड़ सकते हो समाज के बंधनों को, क्या तुम झुठला सकते हो इस सजावटी रिश्ते को, नहीं न! तो मुझसे ये सवाल क्यूंँ ? हां, बोलो मुझसे ये सवाल क्यूंँ? प्रेम बजाज ©® जगाधरी ( यमुनानगर)

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by prembajaj

सजावट कांटेस्ट

24 Oct, 2025