पुनर्जन्म? बदले के लिए!! भाग - 4
ये इस कहानी का आखिरी भाग है। आशा है ये कहानी आपको पसंद आएगी। पर क्या आप पुनर्जन्म में अब भी विश्वास नहीं करते हैं ? या, करते हैं ?
पुनर्जन्म? बदले के लिए!! भाग - 3
क्या आप परा वैज्ञानिक बातों को मानते हैं? क्या आपको पुनर्जन्म में विश्वास है? क्या कुदरत न्याय दिलाने के लिए दखल देती है? ये कहानी इन्हीं प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास करती है। या, कहीं नए प्रश्नों को जन्म तो नहीं दे देती है? पढ़िए, कुदरत के न्याय की अद्भुत कहानी।
पुनर्जन्म? बदले के लिए!! भाग - 2
क्या आप परा वैज्ञानिक बातों को मानते हैं ? क्या आपको पुनर्जन्म में विश्वास है ? क्या कुदरत न्याय दिलाने के लिए दखल देती है ? ये कहानी इन्हीं प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास करती है। या कहीं, नए प्रश्नों को जन्म तो नही दे देती है। पढ़िए, कुदरत के न्याय की अद्भुत कहानी।
पुनर्जन्म? बदले के लिए!! भाग - 1
क्या आप परा वैज्ञानिक बातों को मानते है? क्या आपको पुनर्जन्म में विश्वास है? क्या कुदरत न्याय दिलाने के लिए दखल देती है? ये कहानी इन्ही प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास करती है। या, कहीं नए प्रश्नों को जन्म तो नही दे देती है? पढ़िए, कुदरत के न्याय की अद्भुत कहानी।
लाश की गवाही - भाग 2
कभी कभी सच एक धमाके के साथ आपके सामने फट पड़ता है I आप हतप्रभ रह जाते हैंI अविश्वश्नीय, कल्पना से परेI ये एक ऐसी ही कहानी हैI अब दुर्भाग्यवश या सौभाग्यवश कहूँ, ये एक सत्य घटना पर आधारित हैI
लाश की गवाही - भाग 1
कभी कभी सच एक धमाके के साथ आपके सामने फट पड़ता है Iआप हतप्रभ रह जाते हैंI अविश्वशनीय, कल्पना से परेI ये एक ऐसी ही कहानी हैI अब दुर्भाग्यवश या सौभाग्यवश कहूँ ये एक सत्य घटना पर आधारित है I
शब्द।
शुरुआत हमेशा मुश्किलों से भरी होती है। इस कविता में कवि ने अपनी व्यथा, शब्दों के माध्यम से उड़ेल कर रख दी है। पहचान और स्वीकृत हर कलमकार की इक्षा होती है। इन्ही भावों को कविता व्यक्त करती है।