Manoj Kumar Srivastava

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Manoj Kumar Srivastava 14 Sep, 2022 | 1 min read

पुनर्जन्म? बदले के लिए!! भाग - 4

ये इस कहानी का आखिरी भाग है। आशा है ये कहानी आपको पसंद आएगी। पर क्या आप पुनर्जन्म में अब भी विश्वास नहीं करते हैं ? या, करते हैं ?

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Manoj Kumar Srivastava 11 Sep, 2022 | 1 min read

पुनर्जन्म? बदले के लिए!! भाग - 3

क्या आप परा वैज्ञानिक बातों को मानते हैं? क्या आपको पुनर्जन्म में विश्वास है? क्या कुदरत न्याय दिलाने के लिए दखल देती है? ये कहानी इन्हीं प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास करती है। या, कहीं नए प्रश्नों को जन्म तो नहीं दे देती है? पढ़िए, कुदरत के न्याय की अद्भुत कहानी।

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Manoj Kumar Srivastava 06 Sep, 2022 | 1 min read

पुनर्जन्म? बदले के लिए!! भाग - 2

क्या आप परा वैज्ञानिक बातों को मानते हैं ? क्या आपको पुनर्जन्म में विश्वास है ? क्या कुदरत न्याय दिलाने के लिए दखल देती है ? ये कहानी इन्हीं प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास करती है। या कहीं, नए प्रश्नों को जन्म तो नही दे देती है। पढ़िए, कुदरत के न्याय की अद्भुत कहानी।

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Manoj Kumar Srivastava 04 Sep, 2022 | 1 min read

पुनर्जन्म? बदले के लिए!! भाग - 1

क्या आप परा वैज्ञानिक बातों को मानते है? क्या आपको पुनर्जन्म में विश्वास है? क्या कुदरत न्याय दिलाने के लिए दखल देती है? ये कहानी इन्ही प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास करती है। या, कहीं नए प्रश्नों को जन्म तो नही दे देती है? पढ़िए, कुदरत के न्याय की अद्भुत कहानी।

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Manoj Kumar Srivastava
Manoj Kumar Srivastava 28 Aug, 2022 | 1 min read

लाश की गवाही - भाग 2

कभी कभी सच एक धमाके के साथ आपके सामने फट पड़ता है I आप हतप्रभ रह जाते हैंI अविश्वश्नीय, कल्पना से परेI ये एक ऐसी ही कहानी हैI अब दुर्भाग्यवश या सौभाग्यवश कहूँ, ये एक सत्य घटना पर आधारित हैI

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Manoj Kumar Srivastava 14 Aug, 2022 | 0 mins read

मेरा देश है, ऐसा देश है मेरा।

आजादी का गान।

#Poem

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Manoj Kumar Srivastava
Manoj Kumar Srivastava 07 Aug, 2022 | 2 mins read

लाश की गवाही - भाग 1

कभी कभी सच एक धमाके के साथ आपके सामने फट पड़ता है Iआप हतप्रभ रह जाते हैंI अविश्वशनीय, कल्पना से परेI ये एक ऐसी ही कहानी हैI अब दुर्भाग्यवश या सौभाग्यवश कहूँ ये एक सत्य घटना पर आधारित है I

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Manoj Kumar Srivastava
Manoj Kumar Srivastava 03 Aug, 2022 | 0 mins read

सच?

चोर खीरे का हो तो फांसी दे दो, चोर हीरे का हो तो हिफाज़त करना।

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Manoj Kumar Srivastava
Manoj Kumar Srivastava 10 Jul, 2022 | 0 mins read

शब्द।

शुरुआत हमेशा मुश्किलों से भरी होती है। इस कविता में कवि ने अपनी व्यथा, शब्दों के माध्यम से उड़ेल कर रख दी है। पहचान और स्वीकृत हर कलमकार की इक्षा होती है। इन्ही भावों को कविता व्यक्त करती है।

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Manoj Kumar Srivastava
Manoj Kumar Srivastava 08 Jul, 2022 | 1 min read

एक अदद खामोशी।

एक खामोशी, एक चीख़, बेज़ुबान अल्फ़ाज़।

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