ए ज़िंदगी

अजीब खेल हैं ज़िंदगी के । किसी को खेलना सिखा जाती है, तो किसी को निराश कर जाती है ।

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Aarti Kushwah
Aarti Kushwah 13 Nov, 2022 | 0 mins read

ए ज़िंदगी समझाइश दे हमें,

उलझन में हैं हम,

कोई राह तो दिखा हमें,

मत खेल शतरंज की बाज़ियाँ हमारे साथ,

यहाँ हार भी हमारी और जीत भी हमारी है,

क्यों चुना है हमें इस खेल के लिए ?

क्या इरादा है तुम्हारा ?

जीत के साथ ताज़ सजाना है ?

या फिर हार के साथ सबक सिखाना है ?

कुछ तो बता हमें,

निराले खेल हैं तेरे, कुछ तो सिखा हमें,

खेल सकें बेहतर, दे हमें समझाइश,

जीत सकें इस खेल में, ये उम्मीद हमने है लगाई ।




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