क्यों हर बात लिखूँ?

कोरे काग़ज़ हैं तो क्या हर जज़्बात लिखूँ?

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Sushma Tiwari
Sushma Tiwari 20 Apr, 2022 | 1 min read
Choti kavita Sushma musings

तुम पढ़ सकते हो

तो क्यों हर बात लिखूँ?


मैं लिख सकती हूँ

तो क्यों हर ख़यालात लिखूँ?


ज़मीं पर पांव दबोच कर

जो दे सकते हो जवाब

तो चलो आसमा पर सवालात लिखूँ!


तुम्हें रोशनाई की चादर मुबारक

तुम्हारे कहे दिन को

मैं क्यों दिन मे रात लिखूँ?


लोग देखेंगे जरूर ये तमाशा

चंद पलों की मशहूरी को

क्यों ताउम्र के हालात लिखूँ?


जाने दो!

एक आखिरी बार सही

काग़ज़ के कोरे सीने पर

अपने कोरे जज़्बात लिखूँ

तुमसे एक मुलाक़ात लिखूँ!


मैं लिख सकती हूँ

चलो ये ख़यालात लिखूँ,


तुम पढ़ सकते हो

तो ये बात लिखूँ!

-सुषमा तिवारी

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