राज़

राज़ जो जान ना पाए

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Sushma Tiwari
Sushma Tiwari 24 Aug, 2019 | 0 mins read

बाहर तो सूरज सी चमक है

अंदर एक गहरी रात छुपा रखी है

घनघोर, अंधेरी, काली घनेरी

तारो वाली, आसमान की थाली

हाँ एक गहरी बात छुपा रखी है

अंदर एक राज, एक बात छुपा रखी है

तुम भी हंस लो, अब जान गए जो

तेरी मेरी हर बात, जज्बात छुपा रखी है

सबसे वो बात छुपा रखी है


सन्नाटों में सन सन की आवाज़

शांत समंदर में लहरों का ताज

बहती हुई मस्ती मौज में

जाने दिल अब किस खोज में

बावरे मन की सारी गश्ती

खुद में ही डूब रही उसकी वो कश्ती

सपनों की एक बड़ी लहर दबाये रखी है

अंदर एक रात छुपा रखी है

हाँ एक जज्बात, एक बात छुपा रखी है

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