मोहन प्यारे

भक्ति के दायरे कहाँ, क्या देश क्या विदेश

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Sushma Tiwari
Sushma Tiwari 19 Aug, 2019 | 1 min read

करुणा विदेश में रह रही ननद पुष्पा के घर पूरे तैयारी के साथ पहुंची थी, पुष्पा की सालगिरह भी थी। अगले दिन नाश्ते पर कहा कि भाभी आज रोहन के स्कूल में प्रदर्शनी है तो पहले ही जन्माष्टमी पूजन की तयारी कर लेते हैं। करुणा ने हैरानी से कहा की यहां विदेश में भी आप मानते हैं ये सब? मुस्कुराते हुए पुष्पा उन्हें रोहन के स्कूल ले गई जहां कई बच्चों ने वृंदावन गोकुल की गलियों को जीवंत किया था। कहीं से नहीं लग रहा था की ये भारत नहीं है। करुणा विदेशी भूमि पर भी अपनी संस्कृति से सब को जुड़े हुए और कृष्ण भक्ति में डूबे हुए देख भाव विभोर हो गई। 

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