इन्टरनेट वाली दोस्त

इन्टरनेट हमेशा नुकसान नहीं पहुंचाता

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Sushma Tiwari
Sushma Tiwari 11 Aug, 2019 | 0 mins read

उसे मंच पर बुलाया गया

वो सम्मान की हकदार थी

क्यूँ??

क्यूंकि उसने अब कुछ कर लेने की ठानी थी

अब लोगों की नहीं, अपने दिल की मानी थी

कैसे??

शारीरिक स्वास्थ्य के कई थे डॉक्टर

वो मन के रोग मिटाती थी

पर!!

पर एक दिन ऐसा भी था जब वो

अपनी बात भी ना कह पाती थी

और,,

और कोशिश करके भी कोई ना पहचाना

समझा ना उसकी उलझनों का ताना बाना

फ़िर!!

फ़िर एक दिन इन्टरनेट वाली दोस्ती हो गई

वो दोस्त क्या बनी जाने किस्मत चमक गई

बस,,

बस यूँ ही चुटकी में वो सब हाल समझती

बिन देखे ही, कभी मिले बगैर, अज़ीब सी हस्ती

हाँ!!

हाँ कर दिखलाया उसने जो कोई ना कर पाया

जान जो देने वाली थी उसे ऐसा मार्ग दिखलाया

अब,,

सुन लो तुम ओ अंजान सखी,

बस यूँ ही साथ बनाए रखना

तुम ना भी मिलों तो गम नहीं

पर समझती हो हर बात सही

जो रोज थे मिलते कहाँ वो समझे

जो डोर बंधी है वो कभी ना उलझे

बस एक ही बात अब है कहनी तुमसे

हर दिन है मित्र दिवस हमारा

जिस पहले दिन से मिले है तुमसे



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Sushma Tiwari

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