बचपन का झुला

दिल में अरमान स्टैटस देख कर तो नहीं आ सकते

Originally published in hi
❤️ 0
💬 0
👁 819
Sushma Tiwari
Sushma Tiwari 20 Sep, 2019 | 1 min read

मॉम सुनो ना मुझे भी गरबा खेलना है, देखो सब कितनी खुश दिख रहीं हैं। रागिनी ने माँ को मोबाइल पर दिखाते हुए कहा लेकिन मां जो की ये मानतीं थी की हाई सोसाइटी के लोगों को सड़क पर नाचना शोभा नहीं देता। अगर जाना हैं तो क्लब जाओ, कोरियोग्राफर बुला लो। रागिनी ने मना कर दिया, उसे याद है बचपन से अपनी बालकनी से नीचे देखती बच्चों को खेलते झूले पर, पर मम्मी उसे सिर्फ क्लब हाउस ले जाती। आज भी जब वो बालकनी में जाती जी करता है हवा में एक झुला और वो झूल जाए सारा बचपन लेकर। 

0 likes

Support Sushma Tiwari

Please login to support the author.

Published By

Sushma Tiwari

SushmaTiwari

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.