वादा रहा

वादा करो बस इतना

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Sushma Tiwari
Sushma Tiwari 31 Dec, 2019 | 1 min read

सुर्ख़ जोड़े में मैं सजी दुल्हन बन तैयार

मन में एक अफसोस बस एक बार

हो जाती उनसे कुछ बात

जिनके संग गुजारना है अब हर दिन रात

यूँ ही अचानक बढ़ा एक हांथ

और उनने थामा मेरा हांथ

सोचता हूं आज कह दूँ

सुनो मेरा एक ख्याल था

तुम्हारी इज़्ज़त बनने की

तुम्हारे माथे का सिंदूर बनने की

तुम्हारे उंगलियों की अंगूठी बनने की

तुम्हारे हाथों की चूडिय़ां बन

तुम्हारे दिल की धड़कन बनने की

बस एक बार हाँ कर दो

बस एक बार हाँ कर दो

धड़कता दिल हाँ यही तो सोच रहा था

कैसे कहें दिल की बात जो उलझन में था

अब जो ख्याल सुना तो सोचा

सवाल भी कर ही लूँ

हाँ जी मेरा भी एक सवाल था

क्या इज़्ज़त के बदले इज्जत दे पाओगे

सिंदुर बन कर किस्मत पर तो ना बन जाओगे

मैं उँगलियों मे सजा लूँ तुम्हें पर

वादा करो, कभी उंगली तो ना उठाओगे

चूड़ियों के बहाने हाथ बाँध तो ना दोगे

धड़कन बना तो लूँ

पर मेरे सपनों पर काबु कर

उन्हें मिटा तो ना जाओगे

बस इतना वादा कर दो

बस इतना वादा कर दो

फ़िर उनके हांथों ने थामा

मेंहदी भरे मेरे हांथ

जान मेरी शृंगार बोझ बन जाए

ये तुम होने मत देना

हाँ मैं खुद कहता हूं

मेरे इश्क़ मे खुद को खोने मत देना

तुमसे जुड़ कर सपने जोड़ना चाहता हूं

ना की तुम्हें आधा कर तोड़ना चाहता हूं

मंगल समय है सिंदूर नहीं ये वादा है

तुझसे जुड़ना चाहूँ बस यही इरादा है

-©सुषमा तिवारी

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