सपनों भरी उड़ान

एक कविता जिसमे सपनों को पुरे करने की बात को एक अनोखे रूप में दर्शाया गया है।

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Vridhi Chug
Vridhi Chug 12 Oct, 2020 | 0 mins read
Incomplete dreams Adhure sapne Dreams Fairytale

कैसे बताऊँ किसीको एक ही तो ज़िन्दगी है

अच्छे से हर पल को जी लू वही तो बंदगी है

मुड़ के न देखना किसीको यही बस एक ख्वाहिश है

बस उस आसमान को छू के देखने की तो नुमाइश है

कैसे अपनी उड़ान भरूँ बस वही सोचती हूँ

उड़ने से पहले कहीं गिर न जाऊं बस उसीसे डरती हूँ

तितली जैसे रंगीले पंख फैलाके उड़ने की जो चाह है

अपने अधूरे सपनों को पूरा करने की जो चाह है

उनके फिरसे अधूरे रह जाने से ही तो डरती हूँ

अब तो आदत सी हो गई है हर दर्द सहने की

और हर सपने को अधूरे रहने की

इंतज़ार करती रहती हूँ बस उस मौके की

जब फीके पड़े पंखों को रंग भर के उड़ने की

और उस उड़ान से अपनी हर अधूरी ख्वाहिश को पूरा करने की

कैसे बताऊँ किसीको एक ही तो ज़िन्दगी है

अच्छे से हर पल को जी लू बस वही तो बंदगी है।












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