मेरे दिल की कलम...

एक कविता जो आपको अपनी यादों से जोड़ दे। शायद ये हर किसी के साथ होता है।

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Vridhi Chug
Vridhi Chug 07 Dec, 2020 | 0 mins read
Life Memories

जब तेरे प्यार की गहराई में जा डूबी,

मेरे दिल की कलम चलते चलते रुक गई,

कुछ वक़्त के लिए जो लिखना था भूल गई,

शायद तेरी यादों में वो फिर से खो गई,

आखिर जो लिखना था वो तो याद न था,

और ज़िन्दगी के हर पन्ने को पलट कर याद कर रही थी,

जब एक पन्ने पर आकर वो थम गई,

तब उसकी धड़कन तेज़ हो गई,

आंखें बंद करके जब कुछ देखने की कोशिश कि,

तो धुंधली तस्वीरों ने जकड़ने की तासीर कि,

बस तब से उन तस्वीरों को ही लिखावट में बदल रही थी

और उन्हीं यादों के सहारे ही तो वो जी रही थी।





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Vridhi Chug

vridhichug

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    बेहदा उम्दा सृजन

  • Vridhi Chug · 3 years ago last edited 3 years ago

    Thank you Kumar Sandeep ji

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