बालदिवस के सही मायने!

बालदिवस पर इतना ही आग्रह करना चाहूंगी कि हर बच्चे को शिक्षा और प्रशिक्षण का समान अधिकार मिले ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो और ये आगे चलकर देश की शक्ति बनें।

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Vinita Tomar
Vinita Tomar 14 Nov, 2021 | 1 min read

बाल दिवस यूं तो सालों से मनाया जाता है।विशेष तौर पर स्कूल में बहुत खास रहता था।कितने ही प्रोग्राम और आयोजन किए जाते थे, हर बच्चे को इंतजार ही रहता था।

किंतु कितने ही बच्चे इस बात से अनभिज्ञ हैं कि कोई बालदिवस भी मनाया जाता है। बालश्रम कहने को प्रतिबंधित है फिर भी कितने ही बच्चे गैर कानूनी तौर पर कार्य करते पाए जाते हैं।कितना दुखद है कि बच्चों का प्रयोग गृह कार्यों में भी खूब किया जाता है।

ये बच्चे देश का भविष्य हैं उनके हाथों में कलम होनी चाहिए तभी देश का भविष्य सुरक्षित रहेगा।

मेरी एक छोटी सी कोशिश है इस उद्देश्य के साथ की हर कोई अपना दायित्व समझे और निभाए भी।

पेश है एक स्वरचित कविता :-

बाल दिवस पर बस कुछ फरियाद करती हूं

मैं तो बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की फरियाद करती हूं।

मासूम बचपन को मत कुचलो किसी अंधियारे में

देश का भविष्य हैं ये,कलम दो बस इनके हाथों में।

आज भले ना हो इनके हाथों में शक्ति

किंतु कल ये ही बनेंगे राष्ट्र की शक्ति।

नन्हें नन्हें मासूम कलियों को ना झोंको

बालश्रम की भट्टी में।

ये तो भारत का भविष्य हैं,

सब कुछ है इनकी मुट्ठी में।

कहने को खुद को शिक्षित कहते हैं जो

छोटे छोटे बच्चों का शोषण करते हैं वो।

कभी परिवार की खातिर,तो कभी पेट की भूख

कितने बच्चों को उजाड़ चुकी।

फूल बनने से पहले ही कितनो को गरीबी मिटा चुकी।


अपना मानवता धर्म निभाओ

हर घर की बगिया को फूलों से खिलाओ।

बच्चों को आज सशक्त बनाएंगे

तभी बालदिवस का उद्देश्य पूर्ण कर पाएंगे।


धन्यवाद

लेखिका : विनीता सिंह तोमर






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