Vinita Tomar
Vinita Tomar 20 Jul, 2021
वो बारिश की बूंदे!
आज भी दिल झूम उठता है,जब हाथों पर पड़ती हैं वो बारिश की बूंदे।सखियों संग नवयौवन की दहलीज पर कदम रखा था,तभी सावन का मनभावन महीना प्यारा लगाने लगा था।ये सावन का महीना ही था जब प्रेम की सीढ़ी दिल चढ़ा था,सबसे प्यारी ये बूंदे।

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by vinitatomar

20 Jul, 2021

#50 शब्दो में बारिश की कहानियां!

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