प्यासी आँखों की प्यास

हसीन सपने जो कभी खो जाए तो कैसे उन्हें फिर से बुलाया जाए

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Vineeta Dhiman
Vineeta Dhiman 29 May, 2020 | 0 mins read



तुम्हारी बहुत याद आती है,

तुम्हारे बिना जीना मुश्किल है

ना दिन में चैन मिलता है

ना रात में करार...

किस बीच राह में छोड़ दिया है

कितना तड़प रही हूं मै....

तुम्हारे लिए

एक तुम हो जिसे मेरी बातों का,

मेरी तकलीफों का

कोई


अहसास नहीं है...

तुम तो ऐसे ना थे...

रोज आते थे मिलने मुझसे रातों में..

हम घंटों एकदूसरे में खोए रहते थे...

रात से कब सुबह होती थी।

पता ही नहीं चलता था....

अब कब से बुला रही हो

तो तुम...

मेरे मीठे सपने

अब आ भी जाओ

इन प्यासी आँखों की

प्यास बुझाओ।

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