घर सिर्फ मेरा नही है

जब घर सबका है तो कामभी सबको मिलकर करना चाहिए

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Vineeta Dhiman
Vineeta Dhiman 02 Oct, 2020 | 1 min read
Equality Women Women's empowerment

बहू, इधर आ... देखो तो इस मुदित ने आज फिर सुसु कर दिया, मेरे बिस्तर पर... अभी तो मैंने साफ धुली हुई चादर बिछाई थी और अभी इसने गंदा कर दिया... पूनम रसोई से भागते हुए आयी और बोली मांजी अभी मैं साफ कर देती हूं। इतना कहकर पूनम ने अपने आटे से भरे हाथों को धोया और अपने बेटे को गोदी में लेकर चली गयी। तभी शोभा जी पुनम की सास बोल पड़ी। अब इसके कपड़े बदलने में ज्यादा समय मत खराब करना। जल्दी से करो अभी तुम्हारे पापा जी भी आते होंगे। दोपहर के खाने का समय हो रहा है। और तुम तो जानती हो अपने पापा का गुस्सा... खाना समय पर ना मिले तो कितने गुस्से में आए जाते है।

हाँजी मम्मी जी मैं अभी गयी और आई।लेकिन 1 साल का मुदित रोने लगा.. उसे भूख लग रही थी, पूनम उसे दूध पिलाने लगी। तभी बाहर से ससुर जी ने आवाज़ लगाई। पूनम बहू अभी तक तुमने खाना नही बनाया तुम्हे कितनी बार कहा है कि मेरे दुकान से आने से पहले ही तुम खाना बना दिया करो लेकिन एक तुम हो जिसे कुछ भी समझ नही आता। पूनम ने अपनी सास की तरफ देखा कि शायद वो उसके लिए कुछ बोलेंगे लेकिन उसकी सास ने पूनम को ही भला बुरा कहना शुरू कर दिया। पता नही सारा दिन रसोई में क्या करती रहती है? इतना तो कोई बड़ा घर भी नही है हमारा सिर्फ 3 कमरे का ही तो है इतना काम तो कोई कर लेगा। लेकिन पूनम बहू से नही होता जब देखो कोई न कोई बहाना रहता है इसके पास...

अब तो चुप रहने वाली पूनम बोल पड़ी आप सही कह रही हो सासूमाँ इस घर में काम ही कितना है... सफाई, झाड़ू, बर्तन धोना, कपड़े धोना, रसोई के काम और ऊपर से अपने बच्चे को भी देखना। और मुझे तो आप लोग काम करने के लिए लाये थे। आपको बहू नही एक बिन पगार वाली बाई चाहिए थी, जो बिना कुछ बोले सिर्फ काम करती रहे। यदि आप सब मेरा साथ देते तो कितना काम आसान हो जाता लेकिन नही।

यह घर सिर्फ मेरा नही है... सबका है। यदि एक दिन मुझ से खाना नही बना तो आप भी बना सकते थे... लेकिन आपने ऐसा नही किया। इतना कहकर पूनम ने अपने रोते हुए बेटे को अपने सीने से लगाया और रसोई की तरफ चल पड़ी खाना... बनाने के लिए... हर घर की कहानी है... आज भी सारी उम्मीद बहुओं से ही जाती है। आप सब का क्या कहना है इस बारे में


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Vineeta Dhiman

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Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Shubhangani Sharma · 3 years ago last edited 3 years ago

    So true...Kuch bhi hua ya nahi hua to dono suraton me zimmedari ek hi vyakti ki..

  • Neha Srivastava · 3 years ago last edited 3 years ago

    True 👌👌

  • Vineeta Dhiman · 3 years ago last edited 3 years ago

    Thank you shubhangani ji🙏😍

  • Vineeta Dhiman · 3 years ago last edited 3 years ago

    Thank you neha ji🙏😍😍

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