आगाज़ और अंजाम #Poetrycontest

जब मानव ने इस Quarantine समय में घर मे रहकर प्रकति का सहयोग किया है तब अब देखना प्रकति भी उस अद्श्य शत्रु को कैसे हरा देती है।

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Vineeta Dhiman
Vineeta Dhiman 18 Apr, 2020 | 1 min read

अब तू देख मानव प्रकति के रूप को

हवा में उड़ती इस दिलकश खुशबू को

गगन में उड़ते स्वच्छंद परिंदो को

अब गुलशन में बहार आ गयी है।

बाहर सड़के सुनसान तो हो गयी

पर गाड़ियों का शोर तो कम हुआ

जब आगाज़ किया था lockdown का

तब पता न था प्रकति इतनी खुश होगी।

अब इसका अंजाम भी सुखद होगा

मानव और प्रकृति के संग से

कोरोना रो रो कर जायेगा

कुछ भी न कर पायेगा।

लेकिन तू भी सीख ले इससे

अब साथ चल प्रकति के

जब तक वो तेरी रक्षक है

तब तक कोई न तेरा भक्षक है।

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