और दिन चंगे त्यौहार के दिन नंगे

त्योहार पर घर घर की कहानी बताती एक लघु कथा आप भी पढ़ें मजेदार कहानी

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Varsha Sharma
Varsha Sharma 27 Oct, 2020 | 1 min read
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त्योहार


"आज तो कम से कम टीशर्ट पहन लो सुमित, "विनीता बोली

"क्या यार तुम फिर शुरू हो गई ??तुम्हें जितना सजना है सजो मैंने क्या मना किया है??घर पर ही तो रहना है मुझे तैयार होने की क्या जरूरत है ??और यह त्यौहार तो औरतों के होते हैं तुम्हें तो मैं मना नहीं कर रहा"

,"हां लेकिन अच्छा नहीं लगता सब इतने सजे है और तुम बनियान में, " विनीता बोली

अपना गुस्सा अलमारी पर निकालते हुए विनीता कमरे से बाहर चली गई |

चांद निकलने वाला था और पूजा के लिये चुनरी लेने गई थी,अलमारी में सोचा कि सुमित को भी बोल दूं तैयार हो जाए लेकिन सुमित तो अब रिलैक्स होने के मूड में था|

हमेशा ऐसा ही होता है घर आकर सुमित रिलैक्स हो जाता है इससे अच्छा तो त्यौहार के दिन ऑफिस होना चाहिए ताकि तैयार होकर अच्छे से तो रहे.......

माँ भी आई और बोली, "तैयार हो जाओ तो माँ को भी बोला कि मैं तैयार हूं ना मुझे कौन सी पूजा करनी है तुम लोग ना एक बात को बहुत बड़ा चढ़ा देते हो, " |

छोटी बिटिया ने दादी को सारी बातें बताई अब जैसे ही पूजा का समय नजदीक आया दादी ने बोला सब तैयार हो गए हो तो पूजा कर लो....

विनीता की सास और विनीता पूजा की तैयारी करने लगे|

सुमित भी अपना फोन लेकर बाहर आ गया और बोला ,"चलो मैं तुम सब की फोटो खींच दूंगा.,..दादी ने बोला नहीं तुम्हें फंक्शन में आने की कोई जरूरत नहीं,......सभी एकदम से दादी को देखने लगे क्योंकि करवा चौथ की पूजा तो पति के बिना कैसे पूरी होगी?????

दादी मुस्कुराई और बोली ,"तुम्हारा सही है सुमित और दिन चंगे त्यौहार के दिन नंगे,

मतलब दादी

मतलब तेरे गुस्से के चक्कर में तुझे कोई कुछ ना बोले और दिन भी तो तू तैयार होकर रहता है आज त्यौहार के दिन अगर अच्छे से तैयार हो जाएगा तो क्या होगा? ? ?

,"पर यह तो औरतों के तैयार होने का त्यौहार है," सुमित बोला


"तो मैं कहां तुझे लहंगा पहनने के लिए कह रही हूं लेकिन ढंग के कपड़े तो पहन" अगर सजना सवारना औरतों के लिए ही होता तो मर्दों के अच्छे कपड़े क्यों बनते मार्केट में सिर्फ बनियान ही मिलते, "दादी और बेटी मुंह दबा कर हंसने लगी|

अब सबके सामने सुमित को थोड़ा महसूस हुआ कि दादी भी उसे तैयार होने के लिए बोल रही है |बोला हां हां मुझे पता है तुम्हारी बहू है तुम्हें भड़का दिया है ,सब इसी की सुनो !!! मैं रोज तैयार होकर तो जाता हूं और अब मुझे कौन सी पूजा करनी है|

"हां लेकिन जिस को करनी है उसे तो अच्छा लगे अब तुम बताओ अगर विनीता ही रोज के सूट में पूजा कर लेगी तो क्या तुम्हें अच्छा लगेगा और भाई कुछ सेल्फी वेल्फ़ी का जमाना है," फिर इतनी सुंदर जोड़ी

अच्छी लगे, "

,"और फिर मुझे भी तो अपने स्टेटस पर लगानी है, " फोन दिखा कर दादी बोली

जाता हूं!!!मेरी माताओ, तुम सब ने मिलकर तो मेरा बनियान भी ऐसा कर दिया कि जैसे मैंने कुछ पहना ही नहीं है मैं अभी तैयार होकर आता हूं फिर देखना मेरे आगे कोई अच्छा नहीं लगेगा फिर मुझे मत कहना , "

हम तो यही चाहते हैं जल्दी से अच्छे बन कर आओ,.....

क्योंकि त्यौहार तो एक बहाना है इस तरीके से हमें अच्छे कपड़े पहनने को मिलते हैं तो हम भी मौका क्यों गवाएं और हंसते हंसते त्यौहार मनाए.... सुमित समझ गया और विनीता भी मन ही मन मुस्कुरा रही थी|


आप सब बताएं कि त्यौहार मैं आपके घर के जेंट्स लोग कैसे तैयार होते हैं| और अगर नहीं होते तो उन्हें बताएं कि त्यौहार तो एक बहाना है सभी लोग अच्छे से तैयार हो और खुशी-खुशी त्यौहार मनाए आप सबको त्योहारों की अग्रिम शुभकामनाएं

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