अरे! ! , "यह क्या सुबह-सुबह चाय लेकर बैठ जाती हो पता है बड़ी बहू को बच्चा होने वाला था सुबह सुबह वह मलाई खाती थी या दूध पीती थी देखा उसके बच्चे कितने गोरे हुए हैं, "
यह क्या सुबह-सुबह काली चीज,
कुछ सफेद चीज खा लिया करो, " खुद चाय पीते हुए सासु मा बोली| देखना तुम्हारे बच्चे जरूर काले होंगे
रोज सुबह उठते ही बहू कुछ खाने बैठती तो सासु मां यही बोलने लगती हैं जबकि उसको सुबह-सुबह दूध या मलाई खाने से उल्टी आती थी |चाय पीकर थोड़ा शांति मिलती थी लेकिन उस से पहले उसे बहुत कुछ सुनने को मिलता था |अब वह क्या कहती कि
मुझे तो बस स्वस्थ बच्चा चाहिए काला हो या गोरा हो इससे कोई मतलब नहीं है | और उस समय हालात अलग थे जेठ जी भी नौकरी नहीं करते थे मेरे पति की भी नौकरी नहीं थी| तो कभी जेठानी जी ने ससुर जी की कमाई से कुछ मांगा ही नहीं...
विचारी बड़ी बहू को कोई तुम जूस नहीं पिलाते थे??इसलिए वह सुबह सुबह मलाई खा लेती थी ताकि बच्चे को कुछ तो पोषण मिले , और जेठानी से बात हुई थी तब उन्होंने ही तो बताया था कि हां सिर्फ खाना ही तो मिलता था कुछ एक्स्ट्रा तो नहीं खाती थी"
फिर जब अगले दिन सुबह सासू मां शुरू हो गई तो बहू बड़े प्यार से जाकर उनके पास बैठ गई और बोली, तब आप के साथ दादी सास भी थी तो सुबह नहाने से पहले उनको चाय खाली पीनी होती थी और खाली चाय उनको गैस बनाती थी और मैं तो बिस्किट ड्राई फ्रूट साथ खाती हूं तो मुझे तो चाय से अच्छा लगता है इसलिए वह बेचारी मलाई खा लेते थे कि खाने से नहाने से पहले, सबके नाश्ता करने से पहले वह खा नहीं सकती थी ,और पूजा करने से पहले अन्न को मुंह में नहीं रख सकती थी, | सासु मां को दादी बनने का शौक है तो बड़े प्यार से सुनती रही| हां दूध कम पसंद है मुझे तो मैं दूध की लस्सी खूब पीती हूँ एक गिलास की जगह दो गिलास पी लेती हूँ ,पनीर खाती लेकिन सासू मां दूध के पीछे ही पड़ती थी | फिर भी एक या दो गिलास दूध तो मैं भी पीती हूँ | हां बस सुबह सुबह नहीं पी सकती थी| सब का शरीर अलग होता है |
अब सासू मां समझ गए थे लेकिन फिर भी कभी-कभी घूरती रहती थी,
हां मैं सब चीजें खाती दूध पीती बच्चे के स्वास्थ्य की मुझे भी चिंता थी
और जब मेरी बिटिया हुई तो हो उसका रंग देखने के बजाय सासु मा ने देखा कि देखो स्किन कैसी निकल रही है??इतनी लस्सी जो पी है ना सारी इसी के शरीर पर जम गई है अब जाकर मैं भी खिल खिला रही थी दादी पोती को देखकर आखिर हर मां का अनुभव अलग होता है जैसे हर बच्चा अलग होता है इसी तरीके से हर माँ भी अलग होती है अपने अनुभव से भी सीख लेती है, जो एक मां कर लेती है अपने बच्चे के लिए कोई नहीं कर सकता बस तरीका अलग होता है लेकिन मां की ममता वही होती है |
यह तो बस एक सलाह थी मातृत्व के दौरान बहुत सारी सलाह मिलती हैं क्या कभी आपको ऐसी सलाह मिली और अगर मेरी कहानी पसंद आई तो कमेंट, लाइक, शेयर करें
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.