मैं दिन-रात घूमता हूं
ना कोई डर ना कोई फिकर
बस एक समय की रोटी की चाहत
सब कहते हैं गंदा रहता हूं
पर साबुन वह देते नहीं
सब कहते हैं अनपढ़ हूं
पर पढ़ने क्यों देते नहीं
सब कहते हैं छोटा हूं और
काम मुझे देते नहीं
सब कहते हैं सरकारी सुविधा मिलती है
पर साहब अगर मिलती तो
हम सड़कों पर सोते नहीं
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