क्या मुझे फूल बनाते हो??तुम पढ़ाई कर रहे थे आज से मैं ध्यान रखूंगा तुम्हारा जब मैं कहूंगा तब पढ़ोगे जब मैं कहूंगा तब खेलोगे निशांत डर गया | तभी दादी मां बेटे से बोली बेटा बच्चे भी बगीचे के फूल की तरह है तुम बस मेहनत करो जैसे बगीचे में खाद पानी डालते हैं और उनका ध्यान रखते हैं ऐसे ही ध्यान रखो और इन्हे खुद से फलने फूलने दो जो खुद मेहनत करेंगे तभी मुश्किलों का सामना कर पाएंगे नहीं तो यह समय से पहले ही मुरझा जाएंगे| यह सुनकर निशांत का चेहरा फूल की तरह खिल गया|
फूल, मूर्ख बनाना और बगीचे का फूल
बच्चे बगीचे के फूल की तरह होते हैं
Originally published in mr

Varsha Sharma
30 Apr, 2021 | 1 min read
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#laghukatha
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