बरसात की घटना

बारिश में हुई एक दुर्घटना, बारिश से बचने के चक्कर में बहुत बड़ी मुश्किल में फंस गई विभा #my monsoon contest

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Varsha Sharma
Varsha Sharma 24 Jul, 2020 | 1 min read
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बरसात की घटना


घर से बहुत मुश्किल से निकली सारा काम निपटा कर |अभी हस्बैंड बीमार है जब से लॉकडाउन हुआ है| उनको डॉक्टर ने टी बी की शिकायत बताइ घर का भी काम करना है और बाहर का भी इसलिए जॉब पर जाना भी जरूरी है| आज बहुत जल्दी जल्दी में निकली विभा उसे ऑफिस पहुंचने के लिए लेट हो रहा है स्टैंड पर आकर रूकती है 15 से 20 मिनट हो गए लेकिन कोई बस नहीं आई जब से कोरोना हुआ हुआ है उसने बस से ही जाना शुरू कर दिया |क्योंकि बस में सोशल डिस्टेंस भी हो जाता है| और अब कैब थोड़ा महंगी पड़ती है| घर से निकली थी तो बारिश भी नहीं थी अब धीरे-धीरे बारिश शुरू होने लगी| स्टैंड पर साथ में ही 19,20 साल का लड़का बैठा था बिल्कुल विभा के बेटे की उम्र का रहा होगा, पूछने लगा आंटी जी आपको कहां जाना है उसने भी आराम से बताया कि कॉलेज गोइंग लड़का है कोई काम से जा रहा होगा कि "हां मुझे आनंद विहार तक जाना है| ,"मैं मैं भी जाता हूं वहां पर तो अभी हमारी कैब आ रही है आप उसमें चल सकते हो अगर आपको लेट हो रहा है तो| लेट तो हो रहा था और बाहर बारिश को देखते हुए परेशान भी हो गई थी क्योंकि उसने छाता भी नहीं लिया था| मास्क उसने लगाया हुआ था| अपना सैनिटाइजर भी यूज करती थी सोचा चलो लड़का साथ जा रहा है मैं भी चल लेती हूं |जब इको वेन आकर रुकी तो विभा उस में बैठ गई लेकिन उसे बैठते ही लगा कि इसमें कोई लेडीज तो है नहीं लेकिन बारिश तेज हो चुकी थी उसने सोचा टाइम से पहुंच जाऊंगी ऑफिस| और ₹50 सवारी लेगा कोई बात नहीं| थोड़ी दूर जाने पर कैब में पूरी तरह से बैठकर हाथों को सैनिटाइजर लगाया तभी गाड़ी में बैठा दूसरा आदमी ऐसे करने लगा जैसे शायद पुलिस में हो वह चौकी पर बात कर रहा था कि हम अभी पहुंच जाएंगे इतनी चोर पकड़े हैं| हमने आज उनकी थाने में रिपोर्ट करा देंगे| तो विभा ने सोचा कि चलो पुलिस वाले लोग हैं| मदद के लिए लोगों की मदद कर रहे हैं दुनिया इतनी भी बुरी नहीं है जितना हम सोचते हैं |बाहर बारिश धीरे-धीरे तेज हो रही थी |लेकिन फिर भी सतर्क थी तभी वह लड़का बोलने लगा आंटी जी आप अपने कान के इयररिंग और अपनी अंगूठी निकालकर पर्स में रख ले| आगे चेकिंग चल रही है और आपके पास कोई आईडी प्रूफ नहीं है सचमुच उस वक्त विभा के पास कोई आईडी प्रूफ नहीं था |उसने सोचा चलो ठीक कह रहा है उसने कान के इयररिंग निकालकर एक लिफाफे में डाल कर अपने पर्स में रख लिए एक रिंग भी निकाल कर रख ली| अब उस लड़के ने कहा कि यह दूसरी रिंग भी उतार लीजिए तो विभा बोली नहीं यह थोड़ा टाइट है| नहीं निकलेगी इसकी कोई प्रॉब्लम नहीं है तो उस लड़के ने अपना कोई सैनिटाइजर निकाला कहते यह लगा कर देख लो और एकदम से स्प्रे किया विभा ने मना किया नहीं तुम रहने दो इसके बाद लगने लगा कि कुछ लेकिन उसने अपने समान निकालकर बैग में रख ली और आराम से बैठ गई |कश्मीरी गेट आने पर उनमें से एक आदमी बोला मैम आपके पास आई डी नही है और हमें इसमें गाड़ी में चेकिंग करानी है पोस्ट है उस पर सब की आईडी प्रूफ जमा करेंगे तो आप 2 मिनट के लिए उतर जाएं |हम गाड़ी लेकर आते हैं | विभा अपना सामान लेकर उतर गई 5 मिनट बाद तो देखा बारिश तो बहुत तेज हो गई है इतने दिन से सर्विस कर रही है 30 साल के कैरियर में कभी ऐसा नहीं हुआ लेकिन आज ऐसा क्या हुआ मुझे तभी अपना पर्स चेक किया??? उसमें वह लिफाफा नहीं मिला जिसमें उसने अपने ज्वेलरी रखी थी मतलब वह लोग सारे मिले हुए थे |और उन्होंने ज्वेलरी लेने के लिए यह सारा ड्रामा रचा है | और विभा उनकी वेन का इंतजार कर रही थी |बारिश बहुत तेज हो गई थी एकदम से विभा की रुलाई फूट पड़ी,,जैसे भगवान भी उसके साथ साथ रो रहा है उसने दुनिया में इन लोगों का विश्वास किया और उसका विश्वास आज टूट गया वह किसी पर विश्वास ना कर सकेगी| वह रो रही थी और पैदल चल रही थी |उसने पुलिस में कंप्लेंट भी नहीं कराई क्योंकि एक तो दिल्ली में बहुत तेज बारिश थी वह जल्दी से जल्दी से सेफ जगह पहुंचना चाहती थी तभी एक ऑटो आया , विभा ऑटो में बैठ गई बाहर से बादल बरस रहे थे | ऑटो वाले ने रोते देखकर कहा, "बेटा कोई परेशानी है तो बताओ अब विभा का मन किसी पर भी विश्वास करने के लिए तैयार नहीं था | कुछ ना बोली अंदर से उसके मन में ऐसा लग रहा था कि एक तो पति बीमार है ऊपर से घर चलाना हैं मुसीबत टाइम में और मुश्किल बढ़ गई| बहुत परेशान थी आकर अपने ऑफिस पहुंचकर घुटनों घुटनों पानी से चलकर आई अब तो उसका किसी काम में मन नहीं लग रहा था |जब कोई ऐसी घटना हो जाए औरतों की ऐसी फितरत होती है कि अगर एक नाक की बाली भी गुम जाए तो उनका ध्यान उसी में पड़ा रहता है और उसकी तो कानों की बालियां और हाथ की रिंग चली गई थी |उसने आकर अपनी बहन को फोन मिलाया ऑफिस से बहन ने कहा चलो अच्छा हुआ तुम्हारे साथ कुछ बात नहीं हुई या उन्होंने चाकू वगैरह नहीं मारा या कुछ बेज्जती नहीं की और तुम तो इतनी अलर्ट रहने वाली हो तो सीधे-साधे लोग होते हैं तो वह कैसे करेंगे |करोना का टाइम चल रहा है लोग परेशान हैं लेकिन कई लोग इस समय में भी उल्लू सीधा करने से बाज नहीं आते चाहे किसी को कितना भी हर्ट हो| अभी विभा को ऐसा लगा जैसे आसमान भी उसकी परेशानी में साथ खड़ा था और वह भी रो रहा था | बस उसे खुशी इस बात की थी कि उन्होंने कुछ मिस हप्पिं निग नहीं की |


दोस्तों समय बहुत खराब है इसलिए हमेशा अलर्ट रहें और यह तो इतना अलर्ट रहने वाली लेडी के साथ हुआ तो आप देख सकते हैं कि लोग किसी की मुसीबत का फायदा भी कैसे उठा सकते हैं?? 

 बरसात मे भगवान भी उसकी परीक्षा ले रहा था|

वर्षा शर्मा

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