फूलो का बाग

अपना भारत प्यारा भारत मिलकर त्यौहार मनाते हैं

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Varsha Sharma
Varsha Sharma 28 Mar, 2021 | 1 min read
#contest # holi # colour

गांव गली की याद सताए

होली कैसे मन को भाए ??

अब तो सोसाइटी में आकर बस गए

इस होली किसके घर जाए

इस त्यौहार में बच्चे भी उदास

अपना कोई नही है पास

ना ही कोई गुंजिया बनाये

गेहूं की बाली कहां से लाएं

सोच रहे थे बैठे-बैठे

होली मनाएं तो कैसे??

असलम भाई उधर से आए, पिचकारी गुब्बारे लाए

गुरविंदर भाई गुंजिया लाये ,लस्सी उस के साथ दिलाएं

जोजफ् ऑन्टी गुजिया बनाकर सबको अपने आप खिलाएं

हर सोसाइटी में प्यार मोहब्बत से छोटा सा भारत बस जाए

गेहूं के बाल उगे गमलों में

सबके मन में खुशी है छाई

सारी औरतें गाएं बधाई

धानी चुनर और खिलखिलाते चेहरे,

सबके मन को है भाय

लाल, गुलाबी, नीले, पीले

चेहरे हैं सबके जैसे टेसू फुले

जैसे रंग पड़े पिचकारी से तेसै

मन का मैल धुले

तरह तरह के फूल खिले

और एक फूलों का बाग बने

त्यौहार सब मिलकर बनाये , तब ही दिल में उमंग जगे

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Varsha Sharma

varshau8hkd

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