मौके पर चौका

कभी-कभी जिंदगी हमें दूसरा मौका देती है तो हमें उसे स्वीकार कर लेना चाहिए

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Varsha Sharma
Varsha Sharma 07 Feb, 2021 | 1 min read
#advise #culture



सामने से चलकर ऑफर आया है,

सोच लो एक बार ऐसा मौका बहुत कम मिलता है |अब इस उम्र में सरकारी नौकरी तो लगने से रही| पतिदेव बोले

हां लेकिन अब तो बच्चों को भी आदत पड़ चुकी है पहले की बात होती तो अलग बात थी|

और मां बाबूजी !!!सब कुछ देखना  पड़ेगा लेकिन बहुत मन है नौकरी का, " मैं तो खुद बचपन से ही टीचर बनकर खेलती थी बड़े होकर टीचर बनने का सपना था लेकिन परिस्थिति वश हो ना पाया|

मिली भी तो अब 10 साल पहले मिली होती तो सबको आदत भी रहती है और मैं खुद ही तो कैसी हो गई हूं हाउसवाइफ बनना वैसे  मुशिकल है |पूनम बोली

"लेकिन तुम्हें तो हमेशा से टीचर की नौकरी करना बहुत अच्छा लगता था और अब सामने से मौका चल कर आ रहा है तो तुम खुद मना कर रही हो, " प्रतीक ने कहा

,"हां जो चीज अच्छी लगती है लेकिन वह ना मिले अफसोस होता है ,लेकिन अब  गलत समय पर मिल रही है तो भी क्या फायदा? ??

"और जो औरत  नौकरियां कर भी नहीं है, घर के सहयोग से ही तो कर रही है, " पूनम सोचने लगी तभी

सासु मां बोली  कि


अब तो हम भी पूरा सहयोग करने के लिए तैयार है,  ,"हां बेटा जाओ इससे तुम्हारी मन की संतुष्टि भी हो जाएगी, "लेकिन माजी घर के काम और खाना वगैरा ,"

देखो तुम्हें भी  काम करने का मौका मिला तो कुछ कामों के लिए एक सहायिका  रख लो झाड़ू पोछा बर्तन कर दे, " खाना कुछ तुम बना देना कुछ हम बना लेंगे जब हमें गर्म खाना होगा तो मैं बना दूंगी, "

ऐसा नहीं है आदतें तो बनाने से बनती है अभी दूसरा मौका मुझे नहीं लगता कभी किसी को मिला होगा लोग तो डिग्री रखकर बैठे रहते हैं  इसे अपना लो, "

अरे!!!ऐसे पैसे का क्या????सरकारी नौकरी हो तो बात अलग है प्राइवेट नौकरी है धक्के खाने पड़ेंगे और जरा से पैसों के लिए पूरा परिवार परेशान होगा

देवर जो छोटा था , भी बोलने लगा |

नौकरी मिलना भी मुसीबत सा लगने लगा|

लेकिन तभी ससुर जी आए और बोले कि हमने कभी बेटे और बहू में भेदभाव नहीं किया है अगर तुम्हारा मन है तो तुम जरूर करो| हां जबरदस्ती नहीं है यह मत सोचना कि हमें पैसों का लालच है आदमी को ज्यादा से ज्यादा व्यस्त रहना चाहिए| और इतना ज्ञान है तुम्हें , बच्चों को दोगी तो आने वाली नस्लें याद रखेगी |

सासू मां भी बोली हा बेटा मौका मिला है तो तू भी लगा  चौका , यह ना हो कि जैसे पहले नौकरी  ना लगने के चक्कर में आज तक पछता रही है फिर आगे भी पछताए ...

बच्चे भी खुश हो रहे थे मेरी मम्मी टीचर बन जाएगी....

हां पूनम भी अब अपने मन को दृढ़ बना रही थी



प्रिय पाठकों जिंदगी में बहुत कुछ करने की इच्छा होती है लेकिन कभी-कभी वह चीज वक्त पर नहीं मिल पाती और अगर सामने से चलकर दूसरा मौका मिले तो हमें उसे अपनाना चाहिए  |मुश्किलें तो बहुत आएंगे लेकिन मुश्किलों को पार करते हुए ही जो अपने रास्ते बनाते हैं वह फिर अलग मिसाल कायम करते हैं|

और सभी पूनम को सलाह दे रहे हैं कि नौकरी करनी चाहिए लेकिन पूनम परिस्थिति वश मना कर रही है| जबकि परिस्थितियों को हम समय के अनुरूप ढाल सकते हैं|



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Varsha Sharma

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