नारी नही बेचारी

नारी के मन की व्यथा

Originally published in hi
Reactions 1
358
Varsha Sharma
Varsha Sharma 24 Feb, 2021 | 1 min read
#1000poems

मेरे अल्फाजों से सुधरे किसी की जिंदगी अगर

 मैं तो मांगती मां से वरदान ये है अक्सर 

 काश हैवानियतो की बुद्धि में यह बात आ जाए

 उनको चुभे खुद ही जो औरतों को देते हैं नस्तर

 अहिंसा को तो औरत ने हमेशा ही अपनाया

 हिंसा करने पर उतर जाए क्यों देते हो अवसर

 कोख मे आने से मेरे यू घबरा जाते हो

 सोचो अगर इंकार कर दूं तुम्हें रखने से मैं अंदर

 तुम्हारा अस्तित्व की पहचान क्या होगी

 एहसान नारी जाति चुका ना पाओगे जन्म भर

 नारी के मन मे आक्रोश की वर्षा है

 धोखा क्यों दिया तुमने हमेशा साथ में मिलकर

1 likes

Published By

Varsha Sharma

varshau8hkd

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.