बच्चों को देने संस्कार
हम बड़े बन जाते हैं
क्या संस्कार देते हुए
अपने माता पिता की तरह फर्ज निभाते हैं
ऑल राउंडर बनाना है चाहे बचपन को जी ना पाए
कितनी चीजें सीखी थी हमने बचपन में खेल खेल में
अब तो सीखने की भी ट्रेनिंग मिलती है
नए नए तरीके सीखकर बच्चे
डिप्रेस हो जाते हैं
गीली मिट्टी की तरह है
बच्चे सही आकार में ढालना है
छोटा सा पौधा है इन्हीं
फलदार वृक्ष बनाना है
बस उससे पहले बचपन को
बहुत मस्त बनाना है
ना भारी भरकम बैग हो ना
मस्तिष्क पर बोझ पड़ता हो
बच्चों को मिले ऐसा माहौल
जहाँ हर एक बच्चा हंसता हो
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