गर्माहट.....सचमुच इंसानियत बाकी है

सर्दी तो जानवर को भी लगती है उसी को बताती हुई एक लघु कथा

Originally published in hi
Reactions 0
449
Varsha Sharma
Varsha Sharma 02 Dec, 2020 | 1 min read
# motivational

चाय या कॉफी कुछ लेओगे बाबू जी हां कॉफ़ी दे दो कितने की है और

इतने धुंध के मौसम में जब बर्फीली चादर बिछी हुई है सभी बुजुर्गों को बाहर निकलने के लिए मना किया गया है इतनी ठंड में आग जलाकर और यह रजाइया रखकर क्यों बैठे हो बाबा?

 जो आपका मन आए दे देना ताकि यह पैसे जानवरों के खाना खाने के काम आए और

 बाबूजी अब चिल्ले का मौसम शुरू हो गया है धूप तो निकलेगी नहीं... तो आसपास के जानवरों को भी तो कोई ठौर ठिकाना चाहिए इसलिए अलाव जला देता हूं और रजाई रख देता हूं ..उन्हें भी गर्माहट मिले .... और देखो कोई ना कोई आ कर बैठी जाता है और आग जलाने से उसे गर्माहट मिलती है बस यही सेवा कर रहा हूं बुढ़ापे में ज्यादा कुछ तो नहीं कर पाता

अब मैं खुद सोच रहा हूं कि यह खुद ठंड में रहकर जानवरों के लिए इतना सोच रहा है सचमुच इंसानियत अभी बाकी है

0 likes

Published By

Varsha Sharma

varshau8hkd

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.