दिल के सौ दरवाजे

औरतों के मन की बातें बताती एक लघु कथा

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Varsha Sharma
Varsha Sharma 29 Nov, 2020 | 1 min read
#culture #man #speek

क्या यार कितना बोलती हो???तुम कभी तो चुप रहा करो???और यह क्या हमेशा मेरे रिश्तेदारों में ही कमी दिखाई देती है???तुम्हें कभी किसी की बात को लेकर बैठी रहती हो अब छोड़ भी दो आगे बढ़ो ......क्या तुम एक टिपिकल औरत की तरह बात कर रही हो मैं तो तुम्हें सबसे अलग मानता था, कहकर राजेश करवट लेकर सो गया |राधा इसी उधेड़बुन में लगी रही....औरत हूँ तो औरत की तरह ही बात करूँगी औरत हूँ काम करने के लिए ,औरत साथ रहने के लिए औरत ,लेकिन अगर मैं कोई बात करूँ तो मैं औरत बन जाती हूँ क्या करूं ????कभी भी अपने मन की बातें राजेश से कहती हो तो हमेशा डांट कर चुप करा देते हैं???मन की बातें मैं कहां निकालूं सोचते सोचते आँखो के कोर गीले हो गए ,,,,,क्यों हर बात दिल से लगा लेती हैं हम औरतें

कुछ गलत होता है तो आंख भर आती है राजेश बोलते हैं  कि जो औरते कमजोर होती है वो रोती है,,,,ये आँसू कमजोरी की निशानी है ये तो हमें मजबूत बनाते हैं


बताओ क्या चाहिए तुम्हें ?? एनिवर्सरी आ रही है जो लेना है ले लो मेरा क्रेडिट कार्ड ले लेना ...

,"ऐसे क्या देख रही हो पहले कभी देखा नहीं क्या, "


नहीं मुझे कुछ खास नहीं लेना यह तुम्हारा हर बार का है फिर अपने रिश्तेदारों को बता देना कुछ नहीं दिलाया, "


,"नहीं ऐसा तो नहीं है मैं कहां ऐसा कहती हूं क्या आप बार-बार ये बातें करते हो , "

क्यों तुम ही तो कई बार कहती हो कि उस रिश्तेदार ने यह दिलाया इसने यह दिलाया|


मैं तो आप आपसे अपने मन की बातें बताने के लिए कहते हूँ

"तो भाई मुझे तो यही लगता है कि तुम्हें भी सामान चाहिए, "

और तुम इसलिए मुझे बता रही हो ,"

आप हर बात में जजमेंटल क्यों हो जाते हो? ??मैंने कहा, "सुन लिया करो जैसे मैं आपको सुनती हूँ|

,"तो तुम यह बातें मुझे सुनाने के लिए ही तो कहती हो"

तो सुनाती हूँ तो सुन लिया करो ,जरूरी थोड़ी है कि मुझे चाहिए, "

मेरा दिल तो बातें सुना कर ही खुश हो जाता है,

मुझे बचपन से ही बोलने की बहुत   आदत है आप सबके सामने नहीं बोल पाते तो कम से कम तुम तो ऐसा मत कहो कि मैं सारा दिन बोलती रहती हूं,,,बस मेरे दिल को सुकून मिलता है बातें करके....

और" जैसे आप मुझे ऑफिस की औरतों की बातें बताते हैं तो मुझे नहीं लगता सुनकर कि मुझे भी नौकरी करनी चाहिए मैं भी तो आपको सुनती हूं"

अब राजेश को समझ आया कि वह तो अपने मन की बातें राधा से कर लेता है लेकिन राधा किससे करें

ओ हो!!तो बिटिया तुम पर ही जा रही है, "

हां तो मुझे बोलने का बहुत शौक है बस आप सुन लोगे बिना कोई बात किये तो मेरे दिल को सुकून मिलेगा,,,",,चलो दिखाओ भाई तुम्हारे दिल का सुकून हमें कैसे पता चलेगा रास्ता ही नहीं पता तुम्हारे दिल का, "

"हे भगवान तुम्हारे दिल का रास्ता मेरे कानों से ऊपर जाएगा अभी लग रहा है, " अब राजेश मुस्कुराने लगा क्या तुम छोटी-छोटी बातों में बच्ची बन जाती हो? ? ?

जनाब दिल के रास्ते के तो 100 दरवाजे हैं यह छोटी-छोटी बातें ही मुझे खुश कर जाती है |


अगर आप से जुड़ा हुआ कोई व्यक्ति आपका थोड़ा सा ख्याल रख ले आप की पसंद को अपनी पसंद समझे उसे पता हो कि आपको खाने में क्या पसंद है?उसे पता हो कि आपको पहनने में क्या पसंद है ?????किस तरीके से टाइम स्पेंड करके ??आपको अच्छा लगता है यह छोटी-छोटी बातें हैं आपके दिल को सुकून पहुंचाती हैं औरतों के दिल का रास्ता किसी एक चीज से होकर नहीं गुजरता है वह तो छोटी-छोटी खुशियों में खुश हो जाती है....... आप कमेंट में बताइए कि आपके दिल का रास्ता कहां से होकर गुजरता है.. .

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Varsha Sharma

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