माँ से बढ़कर कोई ना दूजा

मां की महानता बताती हुई कहानी

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Varsha Sharma
Varsha Sharma 10 Jul, 2020 | 1 min read

मझे ना पीना है दूध मेरा मन ना कर रा |"अरे !!बीवी जी के हुआ, "सुनीता ने कहा ,"कुछ ना री सुनीता बस जब से लाली आई है बस इ सै दूध पिलाते रहो मैं भी तो थक जाऊँ हूं ,"| अरे! बीबी जी बड़ी किस्मत वाली हो तम  जो यह मौका मिला अर मझे देखो खाने-पीने का कोई ठिकाना  नी  लाला का पेट भी नहीं भरता फिर भी दूध पिलाऊँ| वह तंदुरुस्त रह और मां कु महान इसलिए ना  कहते | अपना मन मारना पड़े है | तने मेरी आंखें खोल दी इब दो गिलास दूध कर| 


"रे जल्दी समझ गी |, " ई ब दो गिलास??? हाँ एक अपने लियें और एक मेरे लिए अर खुशी-खुशी दूध पीन लगी| और उसने प्रण किया कि अबसे जब तक तुम्हारा बालक बड़ा न होवे  तम मेरे साथ ही दूध पियो मझे भी चोखा लगें |  

एक माँ ने दूसरी माँ कु समझाया

वर्षा शर्मा

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Varsha Sharma

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